कभी सड़कों पर साबुन-कंघी बेचा करते थे शोले के ‘सूरमा भोपाली’, ऐसे मिला फिल्मों में काम
Jagdeep Life Journey: जगदीप (Jagdeep) को धीरे-धीरे फिल्मों में काम मिलने लगा हालांकि, शोले में सूरमा भोपाली का किरदार निभाकर जगदीप हमेशा के लिए लोगों की यादों में अमर हो गए थे.
Jagdeep Life Facts: बात आज अपने दौर के चर्चित कलाकार रहे जगदीप (Jagdeep) की जिनका असल नाम सैयद इश्तियाक जाफरी था. जगदीप ने अपने करियर में यूं तो कई फिल्मों में काम किया था लेकिन उन्हें सही मायनों में पहचान 1975 में रिलीज हुई बॉलीवुड की कालजयी फिल्म ‘शोले’ की रिलीज के बाद ही मिली थी. शोले में जगदीप ने ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार निभाया था जो लोगों के बीच खूब चर्चित हुआ था यहां तक कि फिल्म की रिलीज के इतने सालों बाद भी यह किरदार लोगों के बीच पॉपुलर है. बहरहाल, आज हम आपको ना सिर्फ सूरमा भोपाली के किरदार से जुड़ा एक किस्सा बताएंगे बल्कि जगदीप के स्ट्रगल के दिनों के बारे में भी बताएंगे.
बेहद संघर्ष भरा था बचपन, सड़कों पर बेचा साबुन और कंघी
जगदीप जब छोटे थे तभी उनके पिता की मौत हो गई थी. ऐसे में उन्हें बचपन से ही संघर्ष करना पड़ा था. जगदीप की मां मुंबई शिफ्ट हो गईं थीं और यहां उन्हें एक अनाथ आश्रम में काम मिल गया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अपनी मां का संघर्ष देखकर जगदीप ने पढ़ाई की जगह काम धंधा तलाशना शुरू किया और सड़कों पर साबुन, तेल और कंघी बेचने लगे थे.यहीं से जगदीप की किस्मत बदलने वाली थी. असल में यहां एक शख्स की नजर जगदीप पर पड़ी जो फिल्मों के लिए चाइल्ड आर्टिस्ट्स की तलाश में था. यह व्यक्ति जगदीप को एक फिल्म स्टूडियो में ले गया जहां उन्हें भीड़ में खड़े होकर ताली बजाने का रोल मिल गया. इस रोल के एवज में तब जगदीप को 3 रुपए मिले थे.
धीरे-धीरे फिल्मों में बनाई जगह
जगदीप को धीरे-धीरे फिल्मों में काम मिलने लगा और जब वे कुछ बड़े हुए तो फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ से उनके काम को पहचान मिली. हालांकि, शोले में सूरमा भोपाली का किरदार निभाकर जगदीप हमेशा के लिए लोगों की यादों में अमर हो गए थे. आपको बता दें कि सूरमा भोपाली का किरदार भोपाल के फ़ॉरेस्ट ऑफिसर नाहर सिंह से इंस्पायर्ड था और फिल्म देखने के बाद लोग नाहर सिंह का मजाक उड़ाने लगे थे. बताते हैं कि इसी बात से दुखी नाहर, जगदीप से लड़ने के लिए मुंबई तक आ गए थे. इसके बाद जैसे-तैसे उन्हें वापस भोपाल भेजा गया था.