Sridevi Film: तमाम फिल्ममेकरों के करियर में ऐसा समय आया है, जब उनकी तमाम चलती हुई फिल्मों के बीच अचानक उसके फार्मूले फेल होने लगे. फिल्में फ्लॉप होने लगीं. मगर अच्छे मेकर हमेशा संभल जाते हैं. वे जोखिम उठा कर कुछ नया सामने लाते हैं. ऐसा ही कुछ निर्देशक यश चोपड़ा (Yash Chopra) के साथ भी 1980 के दशक में हुआ था. इस दशक के आखिरी दौर में उनकी फिल्मों ने कमाई बंद कर दी. वक्त, मशाल और सिलसिला (Silsila) जैसे सितारों से सजी फिल्में फ्लॉप हो गईं. इसके बाद तो फासले और विजय जैसी फिल्में बुरी तरह नाकाम हुईं. नतीजा यह हुआ कि वह स्टूडियो बेचने का मन बनाने लगे. उन्होंने टी-सीरीज (T-Series) के साथ मिलकर फिल्म प्लान करना शुरू कर दी. मगर तभी उन्हें एक ऐसी कहानी मिली, जिसने उनकी उम्मीदों को फिर से जगा दिया.


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सब कहते गए, ना
यह फिल्म थी, चांदनी (1989). इस फिल्म में श्रीदेवी, विनोद खन्ना और ऋषि कपूर थे. इस फिल्म ने ऐसी धूम मचाई कि यश चोपड़ा न केवल फिर से उठ खड़े हुए बल्कि इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. फिल्म में यश चोपड़ा ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया. इंडस्ट्री में जमे होने के बावजूद उनके लिए यह फिल्म बनाना आसान नहीं था. फिल्म में सबसे पहले वह रेखा (Rekha) को लेना चाहते थे, परंतु सिलसिला की नाकामी के बाद रेखा ने यह फिल्म करने से इंकार कर दिया. अनिल कपूर (Anil Kapoor) फिल्म में आए, मगर फिर अलग हो गए. फिल्म चूंकि हीरोइन पर केंद्रित थी, इसलिए विनोद खन्ना और ऋषि कपूर को भी इसके लिए मनाना कठिन था. श्रीदेवी के बाद फिल्म में सेकेंड लीड हीरोइन के लिए यश चोपड़ा ने माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit), मीनाक्षी शेषाद्री, माधवी और शाहीन जैसी एक्ट्रसों से बात की. सबने इंकार कर दिया. अंततः जूही चावला (Juhi Chawla) इस रोल के लिए राजी हुईं.


इसलिए कहा, हां
चांदनी से पहले 1985 में यश चोपड़ा ने पहली बार स्विट्जरलैंड (Switzerland) में अपनी फिल्म की शूटिंग की थी. चांदनी में एक बार फिर वह स्विट्जरलैंड पहुंचे और इस बार चांदनी की सफलता के साथ, यह देश उनकी फिल्मों की पहचान बन गया. फिल्म दो हीरो, एक हीरोन वाला रोमांटिक ड्रामा थी. फिल्म की कामयाबी में इसके म्यूजिक का भी बड़ा हाथ था. फिल्म की मेकिंग के दौरान यश चोपड़ा काफी तनाव थे क्योंकि अगर यह फिल्म नहीं चलती, स्टूडियो हाथ से निकल जाता. लेकिन उन्होंने अपने जुनून को कम नहीं होने दिया. ऋषि कपूर ने बाद में बताया कि वह चांदनी में काम नहीं करना चाहते थे परंतु यश चोपड़ा का जुनून देखकर ही वह राजी हुए थे. खैर फिल्म बनी और 14 सितंबर 1989 को रिलीज हुई. फिल्म ने धूम मचा दी. आठ करोड़ में बनी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 27 करोड़ रुपये कमाए और यश चोपड़ा को मालामाल कर दिया. उनके स्टूडियो को बचा लिया. यह फिल्म यूट्यूब पर 50 रुपये रेंट पर उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त आप इसे अमेजन प्राइम, गूगल प्ले और एप्पल टीवी पर देख सकते हैं.


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