Sudha Chandran Life Facts: बॉलीवुड में 80-90 के दशक में ऐसी कई अभिनेत्रियां आईं जो कि काफी टैलेंटेड थीं लेकिन अपनी काबिलियत के मुकाबले ये उस बुलंदी पर नहीं पहुंच सकीं जिसकी उम्मीद थी. सुधा चंद्रन (Sudha Chandran) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. सुधा की जिंदगी इतनी उतार चढ़ाव भरी थी कि उनकी कहानी कोई भी सुनेगा तो उनके जज्बे को सलाम किए बिना नहीं रह पाएगा. सुधा बचपन से ही एक्ट्रेस बनने का सपना देखती थीं. वह बेहतरीन भरतनाट्यम डांसर थीं लेकिन 1981 में हुए एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी को तबाह कर दिया. दरअसल, सुधा जब 16 साल की थीं तो उनका एक रोड एक्सीडेंट हो गया थ. वो एक बस में सवार होकर कहीं जा रही थीं लेकिन वो बस एक्सीडेंट की शिकार हो गई.


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इस एक्सीडेंट में सुधा की जान तो बच गई लेकिन उन्हें काफी चोटें आयीं. खासकर उनके पैर में एक्सीडेंट की चोट का इतना प्रभाव हुआ कि उन्हें गैंगरीन हो गया. इस वजह से डॉक्टर के पास सुधा का एक पैर काटने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था. न चाहते हुए भी सुधा का एक पैर काट दिया गया जिससे एक्ट्रेस की पूरी जिंदगी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई क्योंकि इसकी वजह से सुधा दोबारा कभी डांस नहीं कर पातीं. सुधा ने भी हार नहीं मानी और उन्होंने नकली पैर के सहारे डांस करना शुरू किया.



सुधा ने इसी नकली पैर के साथ देश-विदेश में कई बेहतरीन परफॉरमेंस देकर अपनी पहचान बनाई. 1984 में सुधा के जूनून और जज्बे से प्रेरित होकर उनकी लाइफ पर एक फिल्म बनाई गई जिसका नाम मयूरी था, इसे पहले तमिल भाषा में बनाया गया था लेकिन बाद में इसे नाचे मयूरी के नाम से हिंदी में भी बनाया गया. सुधा ने छोटे पर्दे पर भी खूब काम किया और उन्हें कहीं किसी रोज़, क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कैसी लागी लगन जैसे सीरियलों में नेगेटिव किरदारों में देखा गया.