Top Ki Flop: एडल्ट कॉमेडी का हुआ वो हाल कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोई हीरोइन, फिल्म मुश्किल से चली कुछ दिन
Urvashi Routela Film: बीते डेढ़-दो दशक में बॉलीवुड फिल्मों की पायरेसी एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है. इससे बिजनेस बुरी तरह प्रभावित होता है. लेकिन लोग तब हैरान रह गए थे, जब सेंसर बोर्ड में प्रमाणपत्र के लिए जमा कॉपी ही लीक हो गई थी. फिल्म रिलीज से पहले ही फ्लॉप हो गई और...
Adult Comedy: मस्ती (2004) और ग्रैंड मस्ती (2013) की अपार सफलता के बाद निर्माता-निर्देशक इंद्र कुमार ने जब फिल्म की तीसरी इंस्टालमेंट ग्रेट ग्रैंड मस्ती (2016) बनाई तो असफल रहे. फिल्म डिजास्टर साबित हुई. 50 करोड़ में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 19 करोड़ का कलेक्शन कर पाई. मस्ती और ग्रैंड मस्ती की तरह फिल्म में विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदासानी तथा रितेश देशमुख की तिकड़ी थी. पिछली दो फिल्मों की ही तरह हीरोइनें बदल दी गई थी. इस बार फिल्म में उर्वशी रौतेला, पूजा बनर्जी, मिष्ठी चक्रवर्ती तथा श्रद्धा दास थीं. श्रेयस तलपडे भी नजर आए थे. यह फिल्म एडल्ट कॉमेडी थी. जिसमें सुपरनेचुरल हॉरर तत्व डाले गए थे. फिल्म 22 जुलाई को रिलीज होनी थी, लेकिन 5 जुलाई को फिल्म की सेंसर बोर्ड स्क्रीनिंग कॉपी किसी ने ऑनलाइन लीक कर दी, जिस पर बड़ा हंगामा हुआ. आगे के नुकसान से बचने के लिए फिल्म को पहल ही, 15 जुलाई को रिलीज करना पड़ा.
कहानी में ग्रेट ग्रैंड मस्ती
फिल्म अमर, मीत और प्रेम नाम के तीन ऐसे दोस्तों की कहानी थी जो शादीशुदा होकर भी अपनी मैरिज लाइफ से नाखुश हैं. कोई सास के कारण, कोई साले के कारण, तो कोई साली के कारण. जिस कारण तीनों इधर-उधर हाथ पांव मारने की कोशिश में रहते हैं. अमर अपनी बरसों पुरानी हवेली बेचने के लिए गांव जाने का प्लान बनाता है. अमर के साथ मीत और प्रेम भी गांव जाते हैं. गांव जाकर इन्हें पता लगता है कि गांववाले हवेली को भूतहा कहते हैं पर तीनों दोस्त इस बात को नहीं मानते और हवेली के अंदर जाते हैं. यहां इनकी मुलाकात रागिनी (उर्वशी रौतेला) से होती है, जो वास्तव में भूतनी है. तीनों दोस्त इस बात को न जानते हुए रागिनी को अपना बनाने के सपने देखने लगते हैं. यहीं से एक नया ड्रामा शुरू होता है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ड्रामा
मस्ती और ग्रैंड मस्ती के मुकाबले ग्रेट ग्रैंड मस्ती की कहानी बहुत ही कमजोर थी. स्क्रिप्ट में कोई कसावट नहीं थी. फिल्म में सेक्स कॉमेडी को काफी फूहड़ तरीके से दिखाया गया था. फिल्म में जरूरत से ज्यादा डबल मीनिंग वाले डायलॉग्स डाले गए थे. फिल्म के आधे हिस्से में तो भी कहानी दिखती है, जो धीमी रफ्तार से चलती है. लेकिन फिल्म के दूसरे हिस्से में तो आपको कहानी ही नजर नहीं आएगी. यह सही है कि इंद्र कुमार ने निर्देशक के तौर पर फिल्म को काफी अच्छे से बनाने की कोशिश की लेकिन कमजोर कहानी के अभाव में कुछ नहीं कर पाए. दूसरी ओर फिल्म के ऑनलाइन लीक होने का प्रभाव भी पड़ा. फिल्म लीक होने पर इसके सितारों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दुख जताया. उर्वशी रौतेला तो रो पड़ीं. मगर कई लोगों ने इसे ड्रामा कहा. वे फिल्म देखने नहीं गए. फिल्म कुछ ही दिनों में थियेटरों से उतर गई.
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