Dacoit Films In Bollywood: दो दिन पहले नेटफ्लिक्स इंडिया पर रिलीज हुई बड़े बजट की डॉक्यूमेंट्री द हंट फॉर वीरप्पन चर्चा में है. इस साल भारतीय डॉक्युमेंट्री फिल्मों ने ऑस्कर में भी धूम मचाई और दर्शक इन फिल्मों की तरफ भी देख रहे हैं. वीरप्पन पर नेटफ्लिक्स की इस डॉक्युमेंमट्री का टाइटल हैः द हंट फॉर वीरप्पन. वैसा निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने 2016 ने फिल्म बनाई थी, वीरप्पन. यह अमेजन प्राइम वीडियो और यूट्यूब पर उपलब्ध है. डकैत और चंबल के बागी हमेशा ही बॉलीवुड फिल्मकारों को आकर्षित करते रहे हैं. सिनेमा की शुरुआत से ही डाकू हिंदी फिल्मों का अहम हिस्सा रहे हैं. लेकिन बीते कुछ दशकों में डकैतों-बागियों की सच्ची कहानियों ने अलग ही सुर्खियां बटोरी हैं. एक नजर उन फिल्मों पर और साथ ही यह भी कि आज कहां देख सकते हैं उन्हें.


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बैंडिट क्वीन (1994): निर्देशक शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन भारत की सबसे कुख्यात डकैतों में शामिल फूलन देवी के जीवन को सशक्त और बेबाक ढंग से सामने लाती है. सीमा बिस्वास का सशक्त अभिनय इस फिल्म में फूलन देवी के संघर्षों, उन पर हुए अत्याचारों और सामूहिक बलात्कार की शिकार महिला का दर्द और गुस्सा दर्शकों को हिलाकर रख देत है. फिल्म जाति-आधारित भेदभाव, यौन हिंसा और उत्पीड़न की कठोर सचाई को उजागर करती है. साथ ही न्याय और प्रतिशोध की तलाश में फूलन देवी की जीवन यात्रा को भी सामने लाती है. फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है.


पान सिंह तोमर (2012): तिग्मांशु धूलिया की पान सिंह तोमर एक ऐसी बायोपिक फिल्म है, जो देश के लिए पदक जीतने वाले एक एथलीट के डाकू बनने की की हकीकत सामने लाती है. इरफान खान इसमें पान सिंह तोमर नामक के सिपाही के रोल में हैं, जो चंबल में बागी बन जाता है. पारिवारिक शत्रुता और पुलिस तथा व्यवस्था से न्याय न मिल पाने के बाद वह सत्ता के खिलाफ हथियार उठा लेता है. फिल्म एक साधारण व्यक्ति की अपने राष्ट्र के प्रति निष्ठा और सरकारी व्यवस्था के खिलाफ उसकी लड़ाई के बीच संघर्ष को खूबसूरती से उकेरती है. पान सिंह तोमर का अंत मार्मिक है. फिल्म आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं.


सोनचिरैया (2019): चंबल के बीहड़ की पृष्ठभूमि पर आधारित निर्देशक अभिषेक चौबे की सोनचिरैया, 1970 के दशक के डकैतों के एक गिरोह का यथार्थवादी चित्रण और विश्लेषण करती है. फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत, भूमि पेडनेकर और मनोज बाजपेयी सहित कई शानदार कलाकार थे. सोनचिड़िया में डाकुओं के जीवन की हकीकत, उनके वर्तमान और अतीत के संघर्ष को खूबसूरती से दिखाया गया है. यह फिल्म जी5 पर उपलब्ध है.