Hyderabad News: दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने एक बड़े साइबर अपराध से जुड़े आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. यह व्यक्ति भारतीय युवाओं की तस्करी करके उन्हें फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर करता था. पुलिस ने उसे 2,500 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद हैदराबाद से गिरफ्तार किया.


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कैसे हुआ मामला दर्ज?


27 मई को दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज हुई थी. नरेश लखावत नामक एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि वह नौकरी की तलाश में थे. इस दौरान उन्हें "अली इंटरनेशनल सर्विस" नामक एक कंसल्टेंसी फर्म के बारे में पता चला. इस फर्म ने उन्हें थाईलैंड और लाओस में नौकरी का प्रस्ताव दिया.


पासपोर्ट छीन लिया गया


जब नरेश थाईलैंड पहुंचे, तो उनका पासपोर्ट छीन लिया गया और उन्हें एक चीनी कंपनी के लिए काम करने पर मजबूर किया गया. इस कंपनी का काम भारतीय नागरिकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनाना था.


एनआईए ने संभाली जांच


मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया गया. एनआईए की जांच में पता चला कि इस साइबर गिरोह के पीछे पांच मुख्य आरोपी हैं: मंजूर आलम, साहिल, आशीष, पवन यादव और कामरान हैदर. ये सभी आरोपी भारतीय युवाओं को लाओस के गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र में तस्करी कर ले जाते थे. वहां उन्हें यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर धोखाधड़ी के लिए मजबूर किया जाता था.


कामरान हैदर की गिरफ्तारी पर था इनाम


कामरान हैदर उर्फ जैदी इस गिरोह का मुख्य आरोपी था. एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी के लिए दो लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था. वह लंबे समय से फरार था और अलग-अलग राज्यों में अपना ठिकाना बदल रहा था. दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में टीमें तैनात कीं. आखिरकार, हैदर को हैदराबाद के नामपल्ली रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ लिया गया.


2,500 किलोमीटर लंबा पीछा


डीसीपी (विशेष प्रकोष्ठ) मनोज सी ने बताया कि पुलिस टीम ने बिना आराम किए 2,500 किलोमीटर तक हैदर का पीछा किया. हैदर बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था, लेकिन पुलिस ने उसकी हर चाल पर नजर रखी. जब पुलिस को सूचना मिली कि हैदर हैदराबाद में है, तो विशेष प्रकोष्ठ की दो टीमों को तुरंत भेजा गया. सात दिसंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया.


क्या था गिरोह का काम?


अली इंटरनेशनल सर्विस के माध्यम से यह गिरोह भारतीय युवाओं को विदेशों में नौकरी का लालच देकर तस्करी करता था. वहां उनसे साइबर अपराध करवाए जाते थे. इन अपराधों का मुख्य निशाना यूरोपीय और अमेरिकी नागरिक थे. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने इस बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़ कर एक अहम सफलता हासिल की है. इस गिरोह के बाकी आरोपियों की भी तलाश जारी है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)