नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की जांच में खुलासा हुआ है कि दंगों से पहले 'दंगों वाला रजिस्टर' बना था. इसी रजिस्टर से दिल्ली दंगों की साजिश का राज खुलेगा. रजिस्टर में दंगाइयों का बहीखाता दर्ज है. UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के मेंबर के खाते में दंगों से पहले विदेशों से रुपए आए थे. पहले ओमान और फिर यूके से लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए. स्पेशल सेल ने ढाई लाख कैश घर से बरामद भी किया है.


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दिल्ली दंगों की साजिश की जांच कर रही स्पेशल सेल को लगातार विदेशी फंडिंग के सुराग मिल रहे हैं. स्पेशल सेल ने UAPA एक्ट में जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के मेंबर मिरान हैदर को गिरफ्तार किया था.


मीरान हैदर के घर से रजिस्टर और ढाई लाख रुपया कैश बरामद हुआ है. वहीं दंगों से पहले अकाउंट में करीब 5 लाख रुपए आए थे. ये रकम जनवरी महीने में आई थी.


मिरान हैदर के पास लाखों रूपए कैश भी आया था. स्पेशल सेल ने मीरान हैदर के पास से रजिस्टर बरामद किया. रजिस्टर में कहां से कितने पैसे मिले, कहां कितना खर्च हुआ नाम सहित लिखा हुआ है


रजिस्टर को हैंडराइटिंग की जांच के लिए FSL लैब भेजा गया है


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जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी पर स्पेशल सेल का खुलासा
जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी पर स्पेशल सेल ने खुलासा किया है कि हिंसा की साजिश उसी वक्त बन गई जब ANTI CAA प्रोटेस्ट शुरू हुआ था और हिंसा की पहली शुरुआत 13- 15 दिसम्बर को जामिया इलाके से हुई थी.


दिसम्बर में जामिया हिंसा के ठीक बाद जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी नाम का संगठन बनाया गया. जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी को जामिया के स्टूडेंट, आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएशन, स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन, मुस्लिम स्टूडेंट फोरम, जामिया स्टूडेंट फोरम जैसे कई संगठनों के लोगों ने शामिल होकर बनाया था.


जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी को PFI समेत कई जगहों से फंडिंग मिल रही थी. जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्य दिल्ली के एंटी CAA प्रोटेस्ट साइट को लीड कर रहे थे और प्रदर्शनकारियों को गाइड कर रहे थे.


जामिया हिंसा के बाद जामिया यूनिवर्सिटी ने साफ किया था कि जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी यूनिवर्सिटी की कोई ऑफिशियल बॉडी नहीं है.


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