नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मौलाना मोहम्मद साद की कुंडली तैयार कर ली है. मरकज के दस साल के खातों को खंगालने पर कई ऐसे सबूत मिले हैं जो मौलाना साद पर शिकंजा कसने के लिए काफी हैं. सूत्रों के मुताबिक ED को दंगे के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन और राजधानी स्कूल के प्रबंधक फैसल फारूकी से जुड़े कुछ सुबूत भी मिले हैं. यही वजह है कि ED ने पिछले कुछ दिनों में ताहिर और उससे जुड़े अन्य लोगों के यहां दो-दो बार छापे मारें हैं.


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जांच में पता चला है कि महज कुछ सालों में मौलाना मोहम्मद साद, ताहिर हुसैन और फैसल फारूकी ने बहुत सारी संपत्ति बना ली. ED को मौलाना साद की बेनामी संपत्तियों के अहम सुराग मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली दंगे के मास्टरमाइंड फैसल फारूकी के राजधानी पब्लिक स्कूल की आलीशान इमारत में मौलाना मोहम्मद साद का पैसा लगा है. यही नहीं फैसल के एक और दूसरे स्कूल सहित कई और संपत्तियों में भी मौलाना साद ने अपने कालेधन का निवेश अलीम के जरिए किया है. अलीम साद का रिश्तेदार है और विदेशी फंडिंग से लेकर मरकज से जुड़ा हुआ है. पैसों का पूरा लेन-देन उसी के माध्यम से होता है.


अलीम और फैसल फारुखी के बीच दंगे के दौरान बार-बार बातचीत होने के सुबूत भी जांच एजेंसियों को कॉल डिटेल में मिले हैं. अलीम की भतीजी की शादी मौलाना साद के बेटे के साथ होने के बाद वो मरकज में रहने लगा था. इसके बाद साद ने निजामुद्दीन मरकज के प्रबंधन का सारा काम भी उसे ही सौंप दिया. क्राइम ब्रांच के अलावा स्पेशल सेल और प्रवर्तन निदेशालय इन तीनों की जांच कर रहे हैं. ऐसे में अब जांच एजेंसियां फैसल और मरकज से जुड़े हुए खातों की जांच में जुटी हुई हैं.


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दिल्ली के जाकिर नगर की जिस आलीशान कोठी में मौलाना साद पिछले तीन महीने से छिपा हुआ है, वो कोठी वैसे तो अलीम की है. लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि इसमें पूरा पैसा मौलाना साद का ही लगा हुआ है. इसी तरह कई जगहों पर भी उसकी करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति है, ED मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. ED ने मौलाना साद के बेटों समेत मरकज से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की थी, जिसमें अलीम भी शामिल है.


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