Fake pacemakers fitted to patients in Saifai Medical College: यूपी में इटावा जिले के सैफई गांव में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने हर किसी का सिर शर्म से झुका दिया है. सैफई मेडिकल कॉलेज में तैनात कार्डियोलॉजी विभाग के एक डॉक्टर पर डुप्लीकेट पेसमेकर खरीदकर दिल के मरीजों को लगाने का आरोप लगा है. घोटाले के उन पैसों से वह डॉक्टर कई देशों यात्रा भी कर आया है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच की तो आरोप सही पाए गए. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. 


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दवा कंपनियों से मिलीभगत


एसएसपी संजय कुमार के मुताबिक सैफई मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विभाग में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर समीर सर्राफ के खिलाफ फरवरी 2022 में पुलिस को शिकायत मिली थी. शिकायती ने कहा कि डॉक्टर समीर सर्राफ कुछ दवा कंपनियों से मिलीभगत करके नकली पेसमेकर दिल के मरीजों को लगा रहे हैं और घोटाले के पैसों से विदेशों की सैर कर रहे हैं. इसके बाद सैफई थाने में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ भ्र्ष्टाचार अधिनियम और अन्य धराओ में मुकदमा दर्ज किया गया था.


सीओ की जांच में पाया गया दोषी


उन्होंने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस मामले की जांच राजपत्रित अधिकारी से करवाने का फैसला लिया गया. इसके तहत सीओ सैफई नागेंद्र को यह जांच सौंपी गई. उनकी जांच में जांच में पाया गया मरीजों को जो पेसमेकर लगाए जाते थे, वे डुप्लीकेट होते थे. इसके बदले में दवा कंपनियों की ओर से डॉक्टर समीर सर्राफ को मोटा कमीशन दिया जाता है.


250 मरीजों को लगाए नकली पेसमेकर


एसएसपी ने बताया कि अस्पताल के लिए अलग अलग कंपनियों से जो समान खरीदा जाता था, उसमें भी अनिमियता पाई गई है. जांच में पता चला है कि डॉक्टर सर्राफ ने करीब दो से ढाई करोड़ रुपये का घोटाला किया. साथ ही करीब 250 मरीजों को नकली पेसमेकर लगाकर उनकी जान खतरे में डाल दी है. जांच में दोषी मिलने पर डॉक्टर समीर सर्राफ को अरेस्ट कर लिया गया. इस घोटाले में अन्य लोगों के शामिल होने की भी आशंका है. उनकी भी जांच की जा रही है.