Cyber crime in Pune : पार्सल में ड्रग्स का डर दिखाकर साइबर ठग लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. पुणे की रहने वाली एडवरटाइजिंह की छात्रा साइबर फ्रॉड का शिकार हो गई. सायबर ठगों ने अपनी दो पहचान बताई पहले में उन्होंने खुद को कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और दूसरी पहचान पुलिस अधिकारी के तौर पर दी. इन दो पहचान के जरिए 53 लाख रुपए की ठगी की. ठगी के चपेट में ना सिर्फ वो बल्कि उसकी मां भी आ गई. पीड़ित के मुताबिक ठगों ने कहा कि अगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी तो और मुश्किल में पड़ जाएगी. ठगों ने  ताइवान एक पार्सल का हवाला देते हुए बताया कि उसमें ड्रग्स मिले हैं. पुलिस के सामने जाने पर उससे  बहुत सारे सवाल किए जाएंगे. बता दें कि पुणे का यह मामला अकेला नहीं है बल्कि पिंपरी और चिंचवाड़ में इस तरह से अब तक 15 लोग शिकार बन चुके हैं जिनसे ठगों ने करीब 2 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की.


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केस दर्ज, जांच जारी


पुणे ठगी केस को साइबर पुलिस स्टेशन ने दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि जुलाई की शुरुआत में छात्रा को उसके मोबाइल फोन पर एक अंतरराष्ट्रीय कूरियर सेवा के प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले व्यक्तियों से कॉल आया. छात्रा को बताया गया कि उसके नाम से एक पार्सल ताइवान में झांग लिन नाम के एक व्यक्ति को भेजा गया था जिसमें कथित तौर पर ड्रग्स और छह पासपोर्ट थे. पीड़ित को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई और एंटी नारकोटिक्स सेल ऑफ मुंबई से संपर्क करने के लिए मजबूर किया गया.


ठगों की तलाश में जुटी पुलिस


गिरफ्तारी का डर दिखाकर छात्रा को महज कुछ घंटों के भीतर कुल 34 लेनदेन करने के लिए मजबूर किया गया. उसके और उसकी मां के बैंक खातों से 53.63 लाख रुपये घोटालेबाजों ने अलग अलग खातों में ट्रांसफर कराए.  कॉल करने वालों ने उसे आश्वासन दिया कि मनगढ़ंत मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे. जब उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी की जा रही है तो उसने पैसों के ट्रांसफर को रोक दिया और साइबर पुलिस स्टेशन को जानकारी दी. पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने जांच पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संदिग्धों की तलाश की जा रही है.