प्रयागराज के उस मदरसे की बात.. जहां नकली नोटों की टकसाल चल रही थी. मदरसा जामिया हबीबिया मदरसे में नकली नोट छापने का Nexus कैसे चलाया जा रहा था? मदरसे में सिर्फ सौ सौ रुपये के नकली नोट ही क्यों छापे जा रहे थे? नकली नोटों को कहां और कैसे खपाया जा रहा था? और क्या मदरसे में चल रहे नकली नोटों के अड्डे का कोई विदेशी लिंक भी है.


 खतरनाक साजिश के खुलासे हो रहे


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असल में प्रयागराज के इस मदरसे की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है..वैसे-वैसे खतरनाक साजिश के खुलासे हो रहे है. प्रयागराज मे होने वाला महाकुंभ नकली नोटों के सौदागरों के टारगेट पर था. नकली नोटों की खेप को महाकुंभ में खपाने की साजिश रची जा रही थी. महाकुंभ में भीड़ का फायदा उठाकर नकली नोट छापने वाला गैंग नकली नोट खपाने की प्लानिंग कर रहा था.


सूत्रों के मुताबिक जांच टीम को गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन के ब्राउजर में महाकुंभ की सर्च हिस्ट्री मिली है. इस खुलासे के बाद अब इस केस में आईबी से लेकर NIA तक की एंट्री हो गई है. मदरसे में नकली नोट छापने वाले सौदागरों के निशाने पर महाकुंभ था...सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि नकली नोटों की एक बड़ी खेप महाकुंभ मेले में खपाने की तैयारी थी. दरअसल, मेले में भीड़-भाड़ की वजह से अक्सर लोग नोट चेक किए बिना ही जेब में रख लेते हैं. नकली नोट छापने वाला ये गैंग इसी बात का फायदा उठाना चाहता था.


नकली नोटों की टकसाल


तीन महीने ये मदरसा...बच्चों की छुट्टी होने के बाद नकली नोटों की टकसाल बन जाता था..और फिर धडा-धड़ नकली नोट छपते थे.. मदरसे में इतने बड़े पैमाने पर नकली नोट छापे जाने का लिंक पाकिस्तान से जुड़ा हो सकता है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि नोट छापने की इस तकनीक के पीछे ISI का दिमाग हो सकता है. मदरसे में छापे जा रहे नकली नोटों के जरिये आतंकियों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही थी.


 इंटेलिजेंस ब्यूरो भी एक्टिव हो चुका


इसी कारण NIA ने इस मामले की जांच का निर्णय लिया है, जबकि इंटेलिजेंस ब्यूरो भी एक्टिव हो चुका है. जाहिर है..एक मदरसे के अंदर नकली नोट छप रहे थे..वो भी इतनी बेहतर क्वालिटी के..इसलिए सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि मदरसे में नकली नोट छापने वालों का आका कहीं और बैठा हो सकता है.. इस मदरसे को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है..


ये मदरसा आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों के लिए सेफहाउस की तरह काम करता था. इस मदरसे में अवैध हथियार और तस्कर भी पकड़े जा चुके हैं. इसी मदरसे में पढ़ने वाले एक छात्र को जान से मारने की कोशिश भी हो चुकी है. इस मदरसा में ना सिर्फ नकली नोट छप रहे थे..बल्कि ये मदरसा...देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था...


प्रयागराज से मोहम्मद गुफरान, ज़ी मीडिया.