UP Police Custody Death: यूपी की राजधानी लखनऊ के एक थाने में पुलिस हिरासत में मोहित पांडे की मौत का मामला इन दिनों चर्चा में है. सपा नेता अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती से लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार को घेरा रहा है. चिनहट थाने में हिरासत में मौत के मामले में संबंधित पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ हत्या और साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस की ओर से बताया गया है कि डॉक्टरों के पैनल द्वारा किए गए शव के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, लिहाजा रासायनिक विश्लेषण के लिए विसरा सुरक्षित कर लिया गया है. परिजन प्रोटेस्ट कर रहे हैं. जानिए अब तक के बड़े अपडेट.



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पुलिस सूत्रों ने बताया कि चिनहट के जैनाबाद निवासी मोहित कुमार पांडे (30) को पुलिस ने शनिवार को एक मामले में हिरासत में लिया था. उसी दिन हिरासत में उसकी तबीयत खराब हो गई. उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और बाद में उच्चतर केंद्र ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 'पुलिस हिरासत' का नाम बदलकर 'अत्याचार गृह' कर दिया जाना चाहिए. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा के जंगलराज में पुलिस 'क्रूरता का पर्याय' बन चुकी है. बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'लखनऊ में पुलिस हिरासत में व्यापारी मोहित पांडे की कथित तौर पर हुई मौत की घटना पर परिवार एवं लोगों में रोष, आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है. यह घटना अतिनिंदनीय है. सरकार पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए प्रभावी कदम अवश्य उठाए.'


इंस्पेक्टर साहब नप गए


पीड़ित परिवार के सदस्यों ने पुलिस पर मोहित की हत्या का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन किया है. विभूति खंड के सहायक पुलिस आयुक्त राधारमण सिंह ने बताया है कि इस मामले में मृतक मोहित की मां की शिकायत पर चिनहट थाने के इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) (हत्या) और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है. चतुर्वेदी पर लगे आरोपों के मद्देनजर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.


सीसीटीवी में क्या दिखा?


घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें मोहित हवालात में लेटा हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि, परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मोहित को हिरासत में इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई और खुद को बचाने के लिए जानबूझकर वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा लीक किया है. मोहित के भाई शोभाराम ने कहा कि उसे भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, बाद में उसे छोड़ दिया गया. उसने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके भाई को उसके सामने बेरहमी से पीटा और वह कुछ नहीं कर सका. मोहित की मौत के बाद पुलिसकर्मी उसे अस्पताल ले गए थे.


16 दिन में दूसरा मामला


सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है. अखिलेश ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस हिरासत में मौत (हत्या) का दूसरा समाचार मिला है. नाम बदलने में माहिर सरकार को अब 'पुलिस हिरासत' का नाम बदलकर 'अत्याचार गृह' रख देना चाहिए. पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं.' उधर, प्रियंका गांधी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर है... जहां कानून के रखवाले ही जान ले रहे हों, वहां जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?'


तब अमन गौतम की हुई थी मौत


इससे पहले, 11 अक्टूबर को लखनऊ में एक जुआ अड्डे पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए 24 साल के अमन गौतम की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. गौतम के परिजनों ने पुलिस पर उसे पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया था. अधिकारियों के अनुसार जुआ खेले जाने की सूचना मिलने पर 11 अक्टूबर की रात को पुलिसकर्मियों की एक टीम ने विकासनगर के सेक्टर-आठ में अंबेडकर पार्क पर छापा मारा था. पुलिस ने अमन गौतम समेत दो लोगों को हिरासत में लिया था.


अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) जितेंद्र कुमार दुबे ने कहा था कि थाने ले जाते समय अमन की हालत बिगड़ गई थी. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता उमा शंकर पांडेय ने कहा, 'लखनऊ के चिनहट थाने के लॉकअप में व्यापारी मोहित कुमार की नृशंस हत्या अत्यंत गंभीर और आक्रोशित करने वाली है. परिजनों का कहना है कि पुलिस ने सत्ता पक्ष के दबाव में उसकी हत्या की है.'