NIA Raid In Bengaluru Case: एनआईए (NIA) ने कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु समेत 7 राज्यों की 17 जगहों पर छापेमारी की है. ये रेड बेंगलुरु जेल रेडिकलाइजेशन केस (Bengaluru Prison Radicalisation Case) में हुई है. बता दें कि बेंगलुरु जेल में पिछले साल एक लश्कर आतंकी ने कुछ लोगों को रेडिकलाइज किया गया था. इसके अलावा फिदायीन हमले का प्लान भी बनाया गया था. ये प्लान समय रहते एजेंसी ने नाकाम कर दिया था और आरोपियों को पकड़ लिया था. अब इस केस के तार कहां-कहां तक हैं, इसकी जांच की जा रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि NIA की रेड तब हो रही है जब दो दिन पहले ही NIA को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले की जांच सौंपी गई है. आइए समझते हैं कि क्या NIA रामेश्वरम कैफे में धमाके और बेंगलुरु जेल रेडकलाइजेशन केस के तार जोड़ रही है.


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लश्कर आतंकी से रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट का कनेक्शन?


बता दें कि NIA की तरफ से 7 राज्यों में सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई का ये मामला आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़ी साजिश का है. सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल पांच कैदी सेंट्रल जेल, बेंगलुरु में उम्रकैद की सजा काट रहे लश्कर सदस्य टी. नजीर के संपर्क में आए थे. जांच एजेंसी को शक है कि लश्कर-ए-तैयबा मॉड्यूल के फरार आरोपी बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट से जुड़े हो सकते हैं.


फिदायीन हमले का प्लान क्या था?


जान लें कि इसी साल 12 जनवरी को NIA ने 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें आतंकी टी नासिर के साथ दो फरार आरोपियों के भी नाम थे. इन लोगों ने बेंगलुरु की जेल में मिलकर फिदायीन अटैक का प्लान बनाया था. NIA की जांच के अनुसार, नासिर ने सबसे पहले जुनैद को ही रेडिकलाइज किया और उसे रिक्रूट कर लिया.


जुनैद का पकड़ा जाना अहम क्यों?


जुनैद जेल से बाहर आने के बाद फरार हो गया. खबर मिली कि वह विदेश भाग गया. वह भारत में अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए फंडिंग भेजता था. और भारत में प्लान को आगे बढ़ाने का काम सलमान करता था. उनके पास हथियार, गोला-बारूद, वॉकी-टॉकी सब थे. जुनैद ने सलमान से पुलिस की कैप भी चुराने के लिए कहा था.


NIA ने कहां-कहां की छापेमारी?


इसलिए आज NIA 7 राज्यों में 17 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. जिन जगहों पर छापेमारी की जा रही है उसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल शामिल हैं. गृह मंत्रालय ने बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट मामले की जांच NIA को सौंप दी थी, जिसके बाद NIA ने केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.


पुलिस ने बरामद किया था गोला-बारूद


जान लें कि बेंगलुरु सिटी पुलिस ने पिछले साल बेंगलुरु जेल रेडिकलाइजेशन केस की जांच करते हुए जुलाई में 7 पिस्तौल, 4 हथगोले, 1 मैगजीन सहित अन्य गोला-बारूद को बरामद करने के बाद केस दर्ज किया था. शुरुआत में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनसे पूछताछ के बाद एक और गिरफ्तारी हुई थी.


NIA को कब सौंपी गई जांच?


गौरतलब है कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी टी. नासिर इस मामले में जुनैद अहमद के साथ आरोपी है. नासिर ने बेंगलुरु की केंद्रीय जेल में पांच लोगों को कट्टरपंथी बनाया था. जुनैद अहमद फरार है. एनआईए ने पिछले साल अक्टूबर में इस केस को अपने हाथ में लिया था और तब जुनैद अहमद के घर समेत कई जगहों पर तलाशी ली थी.