Porsche Car Accident: पुणे के चर्चित कार एक्सीडेंट में खुलासे पर खुलासे हो रहे हैं. जांच में पता चला है कि पुणे के जिस किशोर ने तेज रफ्तार कार से दो को कुचल दिया था, उसे उस रात उसके दादा ने कार की चाबियां और एक क्रेडिट कार्ड दिया था. पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर दादा ने कहा कि उन्हें नाबालिग को गाड़ी चलाने की अनुमति देने के अपने फैसले के परिणामों का एहसास नहीं था.


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असल में पुणे पुलिस ने उस भयावह रात की घटनाओं की कड़ी जोड़ने की कोशिश की है. जब पोर्श कार एक बाइक से टकरा गई थी. इसमें 24 वर्षीय दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी. 17 वर्षीय ड्राइवर के दादा और ड्राइवर से गुरुवार को पूछताछ की गई. पुलिस ने कहा कि लड़का अपने दो दोस्तों के साथ 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा परिणाम का जश्न मनाने के लिए बाहर गया था.


कार की चाबी सौंप दी
अपने पोते पर भरोसा करते हुए, लड़के के दादा ने नाबालिग को कार की चाबी सौंपी और पार्टी के खर्चों को कवर करने के लिए उसे एक क्रेडिट कार्ड भी दिया था. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान दादा ने अफसोस जताया और कहा कि उन्हें आने वाली त्रासदी का कोई अंदाजा नहीं था. बताया गया कि नाबालिग ने अपने परिवार की पोर्श कार को वडगांव शेरी स्थित बंगले से कोजी पब और बाद में ब्लॉक क्लब तक चलाया. उनके साथ परिवार के ड्राइवर और अन्य स्टाफ सदस्य भी थे, जो एक अलग कार में थे.


नशे में धुत्त लग रहा था लड़का
पब में, लड़के और उसके दोस्तों का कथित तौर पर 48,000 का बिल बन गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब लड़का ब्लॉक क्लब से बाहर आया तो वह नशे में धुत्त लग रहा था. अपनी हालत के बावजूद, लड़के ने पोर्श चलाने पर जोर दिया. ड्राइवर ने सुरक्षा चिंताओं का पालन करते हुए कार को पार्किंग स्थल से बाहर ले लिया लेकिन लड़के के कहने पर लड़के के पिता को बुलाया.


'लड़के पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाए'
उधर पिता ने कथित तौर पर ड्राइवर को निर्देश दिया कि वह अपने बेटे को कार चलाने दे और कार में उसके बगल में बैठ जाएं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि ड्राइवर यात्री सीट पर बैठ गया, जबकि लड़के के दो दोस्त पिछली सीट पर बैठ गए. फिलहाल पुलिस ने किशोर न्यायालय से अनुरोध किया है कि लड़के पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाए, यह देखते हुए कि वह शराब पीकर गाड़ी चलाने के परिणामों से अवगत था.


क्या बोले पुणे पुलिस प्रमुख
उधर मामले पुणे पुलिस के प्रमुख अमितेश कुमार ने कहा कि पोर्श दुर्घटना मामले में रक्त के नमूने लेने में देरी हुई, लेकिन खून की जांच रिपोर्ट मामले का आधार नहीं है. मामला दर्ज करते समय पुलिसकर्मियों की ओर से चूक होने का इशारा करती है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह दिखाने का प्रयास किया गया कि दुर्घटना के समय पोर्श कार किशोर नहीं, बल्कि ड्राइवर चला रहा था. पोर्श मामले में अदालत में अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखने के लिए विशेष वकील नियुक्त किए जाएंगे. Agency Input