Ranchi: 22 कत्ल का आरोपी नरेश सिंघानिया पिछले 4 सालों से पुलिस को चकमा दे रहा था. लेकिन आखिरकार रांची पुलिस ने शुक्रवार की सुबह नरेश सिंघानिया को उसके नामकुम स्थित संबंधी के घर की घेराबंदी कर धर दबोचा.


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बता दें कि पकड़े गए इस शख्स की गुनाहों की फेहरिस्त काफी लंबी है. इसने अपने अवैध कारोबार के जरिए 22 लोगों का कत्ल किया है. चंद पैसों की खातिर हैवान बन बैठा ये शख्स शराब का अवैध कारोबारी है.


दरअसल, करम पर्व के अवसर पर 2 सितंबर 2017 की रात अवैध शराब कारोबारी प्रहलाद सिंघानिया और नरेश सिंघानिया ने रांची के बाजार में नकली शराब की एक बड़ी खेप उतारी, जिसके बाद इस जहरीली शराब का सेवन करने से 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में जैप के चार जवान भी शामिल थे.


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जांच के बाद ये स्पष्ट हो गया था कि जहरीली शराब की ये खेप सिंघानिया बंधुओं ने बाजार में परोसी थी. जिसके बाद तीन थानों में सिंघानिया बंधु पर केस दर्ज किए गए.


वहीं, इस मौके पर ग्रामीण एसपी नौशाद आलम का कहना है कि 'इस गिरफ्तारी से कई राज और इस कांड में शामिल लोगों का जल्द पर्दाफाश किया जाएगा.'


अवैध शराब के व्यापार के मामले में सिंघानियां ब्रदर्स यानि प्रहलाद और नरेश सिंघानिया पर नामकुम, सुखदेवनगर और डोरंडा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दोनों भाई पिछले 20 वर्षों से रांची में अवैध शराब का कारोबार कर रहे थे. जहरीली शराब की खेप उतारे जाने से हुई मौतों के बाद पुलिसिया कार्रवाई से धंधे पर विराम लगा.


सिंघानिया बंधु के खिलाफ अवैध शराब के कारोबार का पहला मामला 2005 में दर्ज हुआ था. पुलिस गिरफ्त में आने के बाद अब शराब माफिया नरेश सिंघानिया वो सच भी कुबूल करेगा जिसकी तलाश रांची पुलिस को चार सालों से थी.