Indore News: मध्यप्रदेश के इंदौर में आज मंगलवार को एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिला अदालत में दीवानी मुकदमा खारिज किए जाने से नाखुश 65 वर्षीय वादी ने जज की ओर जूतों की माला फेंक दी. घटना के आरोपी व्यक्ति और उसके बेटे को तुरंत पकड़ लिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक बुजुर्ग वादी और उसके बेटे को वकीलों ने जमकर पीटा.


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पुलिस के मुताबिक मोहम्मद सलीम (65) ने जिला अदालत में यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था कि आजाद नगर क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करते हुए एक मस्जिद का निर्माण किया गया है. सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) विनोद कुमार दीक्षित ने संवाददाताओं को बताया कि जिला अदालत के एक न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर के बाद सलीम का दीवानी मुकदमा खारिज करने का फैसला सुनाया और पाया कि मस्जिद अतिक्रमण करके नहीं बनाई गई है.


उन्होंने कहा, 'अदालत का यह फैसला सुनते ही सलीम ने अपने कपड़ों में छिपाकर लाई जूतों की माला निकाली और न्यायाधीश की ओर फेंक दी.’ दीक्षित ने कहा कि न्यायाधीश की ओर जूतों की माला फेंकने की घटना के दौरान सलीम का बेटा मोहम्मद रईस भी अदालत कक्ष में मौजूद था . उन्होंने कहा कि पिता-पुत्र के खिलाफ संबद्ध कानूनी प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.


सलीम के बेटे रईस ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद वकीलों ने उसकी और उसके पिता की पिटाई कर दी. रईस ने आरोप लगाया कि मारपीट के दौरान वकीलों ने उसके पिता के कपड़े फाड़कर उन्हें निर्वस्त्र भी कर दिया. उसने कहा कि पुलिस कर्मी उसे और उसके पिता को वकीलों से बचाकर एमजी रोड थाने लेकर आए. रईस ने कहा,‘मेरे पिता 12 साल से मुकदमा लड़ रहे थे. उन्होंने मुकदमे में कहा था कि आजाद नगर क्षेत्र में नगर निगम की सरकारी जमीन की ड्रेनेज लाइन पर अतिक्रमण करके मस्जिद का निर्माण किया गया है और यह निर्माण इस्लाम के खिलाफ है.’


इंदौर अभिभाषक संघ के सचिव कपिल बिरथरे ने वकीलों के खिलाफ रईस के आरोप खारिज किए. उन्होंने कहा,'अदालत कक्ष में न्यायाधीश की ओर जूतों की माला फेंकने की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. घटना के आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.’ बिरथरे ने यह मांग भी की कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जिला न्यायालय परिसर में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए जाने चाहिए.


(एजेंसी इनपुट के साथ)