Online trading news: ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले इतनी तेजी से बढ़े हैं कि पुलिस एक केस सॉल्व करती है, तब तक 10 नए कांड हो चुके होते हैं. ताजा मामला उस कपल का है जो ट्रेडिंग स्कैम में फंसकर अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा बैठा था. वो तो शुक्र था कि पुलिस ने 1.4 करोड़ रुपए बरामद कर लिए. दरअसल ट्रेंडिंग के दौरान बहुत से लोग अक्सर ऐसी छोटी सी गलती कर देते हैं, जिसके बाद वो ताउम्र पछताते रहते हैं. यही हुआ बेंगलुरू के एक कपल के साथ जिससे 1.53 करोड़ की धोखाधड़ी हुई. क्या था मामला? कहीं आप भी बार-बार वहीं गलती तो नहीं दोहराते? प्रिय पाठक हमारी ये खबर पढ़ने के बाद आप जान पाएंगे कि ऑनलाइन ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के जरिए होने वाले स्कैम/फ्राड (Fraud) से कैसे बचाव कर सकते हैं.


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इस मामले में राहत की बात ये रही कि पुलिस की मुस्तैदी से बेंगलुरु में ईस्ट डिवीजन साइबर क्राइम पुलिस, एक ऑनलाइन निवेश घोटाले (Online investment scam) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपत्ति से ठगे गए 1.53 करोड़ रुपये में से 1.4 करोड़ रुपये वापस लेने में सफल रही.


कम समय में ज्यादा रिटर्न का झांसा


द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, बनासवाड़ी में रहने वाले जोड़े को चूना लगाने के लिए लालच के जाल में फंसाया गया. ये जोड़ा उन धोखेबाजों का शिकार हो गया, जिन्होंने उनसे सही समय पर निवेश करने के बाद हाई रिटर्न का वादा किया था. ब्रिटेन पुलिस के मुताबिक घोटालेबाजों ने चुराई रकम को खपाने के लिए 'खातों' के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया था. नक्काल, जालसाज और धोखेबाजों ने इस दंपत्ति का भरोसा जीतने के लिए, बाकायदा एक नकली वेबसाइट तक पहुंचने का एक्सेस दिया, जहां वे अपने निवेश की ग्रोथ की निगरानी कर सकते थे.


शुरुआत में अपने इंवेस्टमेंट की रॉकेट जैसी रफ्तार से रोमांचित होकर, इस जोड़े ने कुछ महीनों के बाद अपने फंड का एक हिस्सा निकालने का प्रयास किया. हालांकि, उनके प्रयासों को अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि धोखाधड़ी वाली वेबसाइट अचानक एक्सेस रेंज से बाहर हो गई थी. अन्य तरीकों से घोटाले का खुलासा करने के बाद उन्हें धोखेबाजों ने पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया.


पुलिस ने कैसे बरामद किए 1.4 करोड़ रुपये?


इसके बाद दंपति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने सावधानीपूर्वक जांच की और आनन-फानन में बैंक अधिकारियों के साथ बेहतरीन समन्वय बनाते हुए उनकी रकम के लेन-देन का पता लगाया. इस तरह पुलिस ने घोटाले में शामिल 50 से अधिक खातों को फ्रीज कर दिया. पुलिस की मुस्तैदी की वजह से पीड़ितों को उनकी लुटी रकम का एक बड़ा हिस्सा वापस मिल गया.


इस क्राइम को क्रैक करने वाली टीम के आईओ ने बताया कि हर साइबर क्राइम की जांच के कुछ बेसिक्स होते हैं. जांच टीम तीन नियमों का पालन करती है. वो सबसे पहले पैसे के लेनदेन यानी कैश ट्रांसफर के पूरे रूट का पता लगाती है. अगले फेज में खातों को फौरन ब्लॉक कर दिया जाता है. इसके अलावा, बाकी  के काम तेजी से पूरा करने के लिए बैंक के अधिकारियों के साथ तालमेल बिठाया जाता है.


ऑनलाइन निवेश घोटालों से सुरक्षित रहने के टिप्स


1.अनचाहे निवेश प्रस्तावों पर ध्यान न दें. वैध निवेश के अवसर शायद ही कभी अनचाहे ईमेल, कॉल या सोशल मीडिया संदेशों के माध्यम से आते हैं.


2. उच्च रिटर्न से सावधान रहें: अगर कोई निवेश कम या बिना किसी जोखिम के असाधारण रूप से उच्च रिटर्न का वादा करता है, तो यह संभवतः एक घोटाला हो सकता है.


3. ऑफर देने वाली कंपनी और व्यक्तियों का सत्यापन करें: कंपनी और निवेश में शामिल लोगों की प्रोफाइल खंगाले.


4. व्यक्तिगत विवरण साझा करने से बचें: कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि आपका सामाजिक सुरक्षा नंबर, बैंक खाता विवरण, या क्रेडिट कार्ड की जानकारी, अनचाहे व्यक्तियों या कंपनियों के साथ साझा न करें.


5.ऑनलाइन फ़ॉर्म से सावधान रहें: केवल यूआरएल में "https" वाली सुरक्षित वेबसाइटों पर ही व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करें.


6.घोटालों की रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी निवेश घोटाले का संदेह है, तो उचित अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट करें.