UPSC Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. एक उम्मीदवार के लिए इस परीक्षा को पास करना नाकों चने चबाने जैसा है. यह परीक्षा कुछ ऐसी है कि बहुत से उम्मीदवार सफलता ना मिलने या अपने हालातों के अनुसार परिणाम ना पाने पर पूरी तरह से टूट जाते हैं और इस राह को छोड़ देते हैं. लेकिन कई ऐसे धुरंधर भी हैं, जो इतनी आसानी से नहीं टूटते और इस परीक्षा के लिए इतनी मेहनत करते हैं, कि सफलता उनके हाथ जरूर लगती है. आज हम आपको एक ऐसे ही जिद्दी उम्मीदवार की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने पिता की हत्या होने के बाद यह संकल्प लिया था कि वह भविष्य में ऑफिसर बन कर दिखाएंगे. इसके अलावा बता दें कि उनके इस सपने को साकार करने में दृष्टि आईएएस कोचिंग के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति ने काफी मदद की है. 


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पिता की हत्या के बाद लिया ऑफिसर बनने का संकल्प
दरअसल, हम बात कर रहें हैं बस्ती के रहने वाले बजरंग यादव की, जिन्होंने हाल ही में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2022 क्रैक की है. बजरंग ने इस परीक्षा में 454वां स्थान हासिल किया है. बता दें कि बजरंग साल 2019 में अपने माता-पिता का सपना लेकर दिल्ली आए थे, जहां वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. हालांकि, बजरंग नहीं जानते थे कि उनके और उनके परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ गिरने वाला है. साल 2020 में बजरंग के पिता की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद वे पूरी तरह से टूट गए थे. लेकिन पिता की हत्या के बाद ही उन्होंने संकल्प लिया कि वे किसी भी सूरत में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ऑफिसर बनकर दिखाएंगे. हालांकि, पिता की हत्या के बाद घर के आर्थिक हालात काफी खराब हो गए थे, जिसके बाद बजरंग के लिए कोचिंग लेना काफी मुश्किल हो गया था.


विकास दिव्यकीर्ति सर ने की मदद 
ऐसे में उन्हें दृष्टि आईएएस कोचिंग के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति द्वारा चलाई जा रही कुछ योजनाओं के बारे में पता चला. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बजरंग ने बताया कि दिव्यकीर्ति सर ने 2 से 3 प्रोग्राम चलाए हुए हैं, जिसमें से एक योजना का लाभ उन्हें मिला, जिसके तहत उन्होंने फ्री कोचिंग के जरिए ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और इस क्रैक भी कर डाला.


UPSC उम्मीदवार इन स्कीम का उठा सकते हैं फायदा
दिव्यकीर्ति सर कहते हैं कि आप कहीं से भी प्रीलिम्स निकाल कर आइये. इसके बाद हम मेंटरशिप के तहत प्रीलिम्स से लेकर इंटरव्यू तक आपको हर एक सहायता देंगे. 


वहीं एक योजना यह भी है कि अगर कोई उम्मीदवार दृष्टि आईएएस से पढ़ा हुआ है, तो वह सिर्फ एक टेस्ट लेंगे, जिसके बाद 1000 बच्चों का सेलेक्शन किया जाएगा और वे छात्र दृष्टि आईएएस की लाइब्रेरी में फ्री में पढ़ सकेंगे. इसके अलावा तीसरी स्कीम में टेस्ट के बाद करीब 50 से 60 होनहार छात्रों की मदद की जाएगी.   


फ्री गाइडेंस की मदद से क्रैक की परीक्षा
बजरंग ने बताया कि उन्हें भी विकास सर के फ्री की गाइडेंस में मिली, जिसके बाद वह इस परीक्षा को पास कर पाए.