नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में डिजिटल यूनिवर्सिटी खोलने का एलान किया है. इसके बाद से ही इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि यह विवि कैसा होगा? क्या सुविधाएं होंगी? इस पर अब यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार का बयान आया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के जरिए उन्होंने अपने विचारों को साझा किया है. यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि वह तेलंगाना राज्य के एक किसान परिवार से आते हैं. इसलिए उन्होंने करीब से देखा है कि कैसे ग्रामीण परिवेश से आना वाला बच्चा अच्छी शिक्ष ग्रहण करता है. 


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उनके जमाने में गांव में बिजली नहीं होती थी. इसके चलते उन्हें किरोसीन के लैंप से पढ़ाई करनी पड़ती थी. यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार अपने गांव के पहले पीएचडी होल्डर हैं. हालांकि, आज के समय में उनके गांव के बहुत से स्टूडेंट्स सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और कई विवि में प्रोफेसर हैं. आज जब गांव में बिजली और इंटरनेट पहुंच गया, बावजूद अच्छी शिक्षा प्राप्त करना ग्रामीणों के लिए कठिन है.


आज हमारे में देश में 1050 यूनिवर्सिटी और 450000 कॉलेज हैं. लेकिन छात्रों की अधिक संख्या होने की वजह से कंपटीशन बढ़ गया है. अधिकतर छात्र चाहते हैं, कि उन्हें किसी अच्छे विवि में प्रवेश मिले है. लेकिन सबको अच्छे यूनिवर्सिटी या कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल पाता. सिर्फ 2 से 4 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही ऐसे होते हैं, जिन्हें अच्छा कॉलेज मिलता है. 


यूजीसी अध्यक्ष कहते हैं कि नई शिक्ष नीति 2020 के आने से बहुत बदलाव हुआ है. नई शिक्षा नीति में मल्टीपल एग्जिट सिस्टम हैं, बीते जमाने में हम जिस एजुकेशन पैटर्न के बारे में सोचते थें, वह सब नई शिक्षा नीति में नीहित है. कोरोना के आने के बाद एजुकेशन सिस्टम में टेक्नोलॉजी बढ़ी है.


आज दादी, पोते को वीडियो कॉल के जरिए कहानियां बता रही हैं और बातें कर रही हैं. जो शिक्षक एक समय में टेक्नोलॉजी को एडॉप्ट करने में डरते थे, वो आज बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. कोरोना के आने के बाद से डिजिटल यूनिवर्सिटी की सबसे जरूरत महसूस की गई. क्योंकि आज लगभग सभी गांवों में इंटरनेट और बिजली की पहुंच है. 


डिजिटल यूनिवर्सिटी में खास विषय की सीटें सीमित नहीं होंगी. डिजिटल यूनिवर्सिटी के सिलेबस को एक्सपर्ट के सुझाव के हिसाब से तैयार किया जाएगा. साथ ही सभी तरह के कोर्सेज की पढ़ाई करवाई जाएगी. इस विवि के जरिए डिप्लोमा से लेकर सर्टिफिकेट सहित कई तरह के प्रोग्राम चलाए जाएंगे. 


यूजीसी अध्यक्ष का कहना है कि जो लोग सोच रहे हैं कि डिजिटल यूनिवर्सिटी के आने के बाद टीचर की जॉब चली जाएंगी? वो गलत सोच रहे हैं, भारत में आने वाले समय में भी यूनिवर्सिटीज का निर्माण किया जाएगा और अच्छे स्कॉलर को हायर किया जाएगा. डिजिटल यूनिवर्सिटी के आने से फिजिकल विवि का महत्व कम नहीं होगा. डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना बदलते दौर की वजह से किया जा रहा है, ताकि जो स्टूडेंट्स किसी कारण की वजह से शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते हैं, वो कम खर्च में इस विवि के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.