NEET Success Story: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे दुनिया की किसी भी परीक्षा में अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करें. इसके लिए मां-बाप हर वो जरूरी कदम उठाते है, जो उनके बच्चे की सफलता के लिए जरूरी है. हर मां-बार अपने बच्चे को नीट (NEET), आईआईटी-जेईई (IIT-JEE) इत्यादि जैसी प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जाम में में सफल होते देखना चाहते हैं. हालांकि, उत्तर प्रदेश के रहने वाले 49 वर्षीय डॉ. प्रकाश खेतान ने अपनी बेटी मिताली की NEET मेडिकल एंट्रेस एग्जाम को पास करने में बड़े ही अनोखे प्रकार से मदद की. डॉ. खेतान, जो एक अत्यधिक कुशल न्यूरोसर्जन हैं, उन्होंने अपनी 18 वर्षीय बेटी मिताली के साथ NEET की परीक्षा की तैयारी की और उसमें शामिल भी हुए. डॉ. खेतान और मिताली दोनों इस साल NEET 2023 की परीक्षा पास करने में सफल भी रहे.


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बेटी के साथ नीट की परीक्षा में बैठने का किया फैसला
मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ खेतान ने कहा कि "मेरी बेटी कोविड-19 के बाद पढ़ाई में अपनी रुचि बनाए रखने के लिए काफी संघर्ष कर रही थी. मैंने उसे कोटा, राजस्थान में एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला भी दिलाया, लेकिन वह वहां के माहौल में सहज नहीं थी और घर लौट आई. भारत में MBBS की सीट को लेकर काफी कॉम्पिटीशन है, जिस कारण मैंने अपनी बेटी के साथ पढ़ाई करके और उसके साथ NEET (UG)-2023 की परीक्षा में उपस्थित होकर उसे प्रेरित करने का फैसला किया.


पिता और बेटी ने एक साथ क्रैक किया मेडिकल एंट्रेंस
डॉ. खेतान ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर अपनी बेटी के साथ NEET परीक्षा की तैयारी की और अंततः उनकी रणनीति सफल भी रही. डॉ. खेतान बताते हैं कि "लगभग 30 वर्षों के अंतराल के बाद मैंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की, जो मैंने 1992 में सीपीएमटी (CPMT) के लिए उपस्थित होने के दौरान एक छात्र के रूप में की थी. मैंने मिताली का मार्गदर्शन किया और लगातार उसे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की. मैने उसे कहा कि नीट मेडिकल एंट्रेस टेस्ट की प्रवेश परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.


हासिल किए डॉक्टर पिता से अधिक मार्क्स
वहीं, जून में जब NEET (UG)-2023 की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, तो मिताली ने डॉ खेतान से अधिक अंक हासिल करके अपने पिता को गौरवान्वित किया. मिताली ने इस परीक्षा में अपने पिता से एक परसेंटाइल ज्यादा अंक हासिल किए थे. मिताली को 90 प्रतिशत, जबकि डॉ. खेतान को 89 परसेंटाइल अंक मिले थे.


गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज करा चुके हैं नाम 
बता दें कि डॉ. खेतान प्रयागराज में एक बहुत प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन हैं. उन्हें एक बार आठ साल की बच्ची के मस्तिष्क से 296 सिस्ट निकालने के लिए लगातार आठ घंटे तक सर्जरी करनी पड़ी थी और ऐसा करने के बाद उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था.