First Woman Loco Pilot Surekha Yadav: नए भारत के निर्माण में महिलाओं का भी उतना ही हाथ ही जिनता पुरुषों का है. आज नारी शक्ति का बढ़ता आत्मविश्वास उसे हर क्षेत्र में प्रगति की ओर बढ़ा रहा है. आज हम बात करेंगे भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर सुरेखा यादव (Surekha Yadav) के बारे में.


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यूं तो सुरेखा ने अपने नाम के कई बार झंडे गाड़े है, लेकिन हाल ही में उन्होंने अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज की, जिसकी चर्चाएं देश में जोरों पर हैं. सुरेखा ने वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) का सफल संचालन कर उसे तय समय से 5 मिनट पहले स्टेशन पर पहुंचाकर साबिक कर दिया महिलाओं को हल्के में लेना बंद किया जाए. 


एशिया की पहली महिला लोको पायलट होने का गौरव
महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव जन्म साल 1988 में हुआ था. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि उनके ही नहीं हमारे भी लिए यह है कि सुरेखा यादव केवल भारत ही नहीं, बल्कि एशिया की पहली महिला लोटो पायलट हैं. 


वंदे भारत चलाकर लिख दिया इतिहास
गौरतलब है 10 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. इसके बाद 13 मार्च 2023 को  सुरेखा यादव ने सोलापुर से सीएसएमटी के बीच इस ट्रेन को दौड़ाया था. सुरेखा की इस बड़ी उपलब्धि के लिए पीए मोदी भी उनकी तारीफ कर चुके हैं. 


सुरेखा को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
सुरेखा को उनकी उपलब्धियों के लिए स्टेट और नेशनल लेवल पर कई अवॉर्ड्स मिल चुके हैं. उन्होंने 8 मार्च 2011 को इंटरनेशनल विमेन डे पर डेक्कन क्वीन ट्रेन को पुणे से सीएसएमटी मुंबई तक दौड़ाई थीं. अप्रैल 2000 में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने जब पहली बार देश के चार महानगरीय शहरों में लेडीज स्पेशल लोकल ट्रेन की शुरुआत की थी तब उनके चालक दल में सुरेखा यादव भी शामिल थीं. वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस प्लेटफॉर्म पर सम्मानित भी किया गया था.