National Flag Of India: हमारे लिए तिरंगा बेहद महत्वपूर्ण और गौरव का विषय है. हमारे भारतीय ध्वज को देखकर गर्व से हमारा सिर ऊंचा हो जाता है. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा हैं. भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज को इसके वर्तमान स्‍वरूप में भारत की स्‍वतंत्रता के कुछ ही दिन पहले 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था. आज हम आपको तिरंगे से जुड़े कुछ अहम फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं.


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1. अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. 


2. आजादी के बाद 15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच इस झंडे को भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया. 


3. 15 अगस्त 1947 को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में पहला बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था.


4. 16 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद पहली बार लाल किले की प्राचीर पर भारतीय ध्वज तिरंगा फहराया गया था.


5. भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है. 


6.  किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही तिरंगे के बराबर रख सकते हैं.


7. भारतीय नागरिकों को यह अधिकार है कि वह पूरे साल अपने घर या कार्यस्थल पर देश का राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं. लोगों को आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली.


8.भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होने और राष्ट्रीय शोक घोषित होने पर कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता है. तिरंगा सिर्फ वहीं का  झुकाया जाता है, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा है. पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकालते ही ध्वज को फिर फहरा दिया जाता है. कुछ स्थानों पर और निर्दिष्ट दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा आधा झुका रहता है.


9. ऑफिशियल बुक फ्लैग कोड ऑफ इंडिया हमारे राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग के लिए संहिता निर्धारित करती है.


10. फ्लैग कोड ऑफ इंडिया राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के लिए सभी कानूनों, परंपराओं, और निर्देशों को एक साथ लाती है.


11. भारतीय नागरिकों को अपनी कार के डैशबोर्ड या विंडस्क्रीन पर मिनी तिरंगा फहराने का अधिकार है. 


12. साल 2009 में तिरंगे झंडे को रात में फहराने की परमिशन दी गई.