Security Arrangements of PM of India: भारत में पहली बार ऐसा साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के दौरान ऐसा हुआ था कि देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगी थी. इसके बाद पीएम को हाई सिक्योरिटी देने के लिए एक विशेष सुरक्षा बल (SPG) गठित किया गया. इनकी जिम्मेदारी होती है प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों की सुरक्षा करना. आज इस आर्टिकल के जरिए जानेंगे कि पीएम की सुरक्षा किस तरह से की जाती है. साथ ही इनकी सुरक्षा में किन-किन गाड़ियों और हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

PM की सुरक्षा की जिम्मेदारी SPG पर होती 
कुछ समय पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक के चलते फिरोजपुर रैली रद्द करनी पड़ी थी. हालांकि, पीएम की सिक्योरिटी में 24 घंटे हर तरफ एसपीजी (विशेष सुरक्षा दल) के जवान तैनात रहते हैं. पीएम के सात लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास में भी एसपीजी के 500 से ज्यादा कमांडो नियुक्त रहते हैं.


सीक्रेट सर्विस की तर्ज पर होती है ट्रेनिंग
ये कमांडो किसी भी आतंकी को पल-भर में धूल चटाने में सक्षम होते हैं. एसपीजी में तकरीबन 3,000 कमांडो होते हैं. इन्हें अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की तर्ज पर ट्रेनिंग दी जाती है. एसपीजी के जवान FNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमैटिक गन और 17 एम नामक खतरनाक पिस्टल जैसे आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं. 


पीएम का काफिला
जानकारी के मुताबिक पीएम के काफिले में दो बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज सिडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स 5 और एक मर्सिडीज बेंज एम्बुलेंस समेत एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियां होती हैं. इस काफिले में सबसे आगे और सबसे पीछे दिल्ली पुलिस सिक्योरिटी स्टाफ की गाड़ी रहती है. इसके बाद एसपीजी और उनके पीछे दो अन्य गाड़ियां होती हैं. काफिले में लेफ्ट और राइट साइड में भी दो गाड़ियां साथ चलती हैं.


इन सबके बीच में रहती है पीएम की बुलेटप्रूफ कार. इस काफिले में एक और नई कार Mercedes-Maybach S 650 Guard शामिल की गई है. इतना ही नहीं पीएम मोदी के काफिले में बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज हाई-सिक्योरिटी एडिशन, लैंड रोवर रेंज रोवर वोग और टोयोटा लैंड क्रूजर जैसी कारें भी हैं. इन सभी गाड़ियों में एनएसजी के अचूक निशानेबाज कमांडो होते हैं. 


वहीं, एक टाटा सफारी जैमर भी काफिले के साथ चलती है. इस कार के ऊपर बहुत-से एंटीना होते हैं, जो सड़क के दोनों ओर करीब 100 मीटर की दूरी पर रखे विस्फोटकों को डिफ्यूज़ कर सकते हैं. इस काफिले में उनकी कार की तरह ही दो डमी कारें भी होती हैं. इस तरह पीएम की सुरक्षा के लिए तकरीबन 100 लोगों की टीम उनके साथ होती है. जब पीएम पैदल चलते हैं तो भी उनके आस-पास और आगे-पीछे वर्दी और सादे कपड़ों में एनएसजी के कमांडो चलते हैं. 


पीएम का बुलेटप्रूफ सुरक्षा घेरा भेदने में हमलावर रहेगा नाकाम
जानकारी के मुताबिक अगर पीएम की कार पर अचानक कोई अटैक भी करता है तो उसे सिर्फ मौत नसीब होगी, क्योंकि उनकी कार पर कोई एके 47 और बम से हमला करता है तो अंदर बैठा व्यक्ति सुरक्षित रहेगा. पीएम की BMW की 7 सीरिज की कार पर ग्रेनेड भी बेअसर है.


अगर कोई कार की विंडो के पास आकर 44 कैलिबर की हैंडगन से भी अटैक करेगा, तब भी कार के बुलेटप्रूफ शीशे को गोली भेदने में नाकामयाब रहेगी.  किसी वजह से इमरजेंसी में कार के टायर पंचर हो जाए या फट जाए तब भी कार 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 320 किलोमीटर तक जा सकती है.