छुट्टी ना मिलने पर IAS ने दिया इस्तीफा, कड़ी मेहनत से बनीं थी ऑफिसर पर 6 साल बाद ही छोड़ा Deputy Collector का पद
IAS Nisha Bangre Resignation: आज हम आपको एक ऐसी आईएएस ऑफिसर के बारे में बताएंगे, जिन्होंने बड़ी मेहनत से आईएएस ऑफिसर का पद हासिल किया था, लेकिन उन्हें महज 6 साल बाद ही अपनी ड्रीम जॉब से इस्तीफा देना पड़ा.
IAS Nisha Bangre: एक आईएएस ऑफिसर बनने के लिए एक उम्मीदवार को सालों मेहनत करनी पड़ती है, जिसके बाद वह ऑफिसर के इस पद को हासिल कर पाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी ऑफिसर के बारे में बताएंगे, जिन्होंने काफी कड़ी मेहनत के बाद यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और आईएएस ऑफिसर का पद हासिल किया था. लेकिन कुछ ऐसी स्थिति आई, जिस कारण उन्हें यह पद अपनी नौकरी के 6 साल बाद ही छोड़ना पड़ा.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की, जो काफी समय से चर्चा में हैं. जून 2023 में, एसडीएम बांगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और इसका कारण उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने किसी निजी काम के लिए छुट्टी मांगी थी, जिसे अप्रूव नहीं किया गया. वहीं, हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने भी उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निशा बांगरे अब कांग्रेस की तरफ से आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने का लक्ष्य बना रही हैं. हालांकि, टिकट पहले ही किसी और को दे दिया गया है. बांगरे ने बुधवार को बताया, "मैं निश्चित रूप से चुनाव लड़ूंगी. मैं लोकतंत्र का हिस्सा बनना चाहती हूं, और विधायक बनना इसका एक हिस्सा है. मैं निश्चित रूप से अपना नामांकन दाखिल करूंगी."
वहीं, जब उनसे सिविल सेवा से इस्तीफा देने के पीछे के राजनीतिक मकसद के बारे में सवाल किया गया तो निशा बांगरे ने कहा कि उन्होंने पहले ही पद छोड़ने के अपने कारण बता दिए हैं. वह कहती हैं कि "मैंने पहले ही विस्तार से बताया था कि मेरे इस्तीफे के समय मुझे अपने घर के उद्घाटन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी. उसके बाद जब मैंने इन दो-तीन महीनों में पता किया तो मुझे पता चला कि यह सब कुछ " राजनीतिक कार्रवाई के कारण हो रहा है. मैं हमेशा चाहती हूं कि इस देश में एक अच्छी व्यवस्था बनी रहे और ये व्यवस्थाएं अधिकारी और हमारे जन प्रतिनिधि बनाते हैं."
बता दें कि निशा बांगरे एमपी के बालाघाट जिले की रहने वाली हैं और उन्होंने साल 2010 से 2014 तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद उन्होंने गुरुग्राम में एक मल्टिनेशनल कंपनी में भी काम किया, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. साल 2016 में निशा ने यूपीएससी परीक्षा पास की और अगले ही साल 2017 में वह मध्य प्रदेश में डीएसपी के पद पर तैनात हुईं.