IIT ने किया बड़ा बदलाव, अब इन्हें मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने लड़कियों के मद्देनजर बड़ा बदलाव किया, आगे पढ़ें पूरी खबर.
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने लड़कियों के लिए 779 सीटें बढ़ा दी गई है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि आईआईटी में लड़कों और लड़कियों का अनुपात कम हो सके.ये अतिरिक्त सीट पिछले साल लड़कियों के आईआईटी में दाखिलों के मुकाबले लगभग दुगनी है. आपको बता दें कि इस साल JEE (एडवांस) की परीक्षा 20 मई को होगी.
किस आईआईटी को मिले कितने सीट
आईआईटी खड़गपुर- 113 सीट
आईआईटी धनबाद - 95 सीट
आईआईटी कानपुर - 79 सीट
आईआईटी बीएचयू - 76 सीट
आईआईटी रूड़की - 68 सीट
आईआईटी दिल्ली - 59 सीट
आईआईटी बॉम्बे - 58 सीट
आईआईटी गुवाहाटी - 57 सीट
पांच सालों में कुछ नहीं सुधरा
पिछले पांच सालों में आईआईटी में लड़कियों की संख्या कमोबेश वही है. आईआईटी में एडमिशन लिए विद्यार्थियों में 10 प्रतिशत छात्राएं हैं. वहीं अगर पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम की बात की जाए तो यह बढ़कर लगभग 22 प्रतिशत हो गया है. पिछले साथ भी 23 आईआईटी में एडमिशन लेने वालों छात्रों की संख्या 10987 थी जिसमें लड़कियों की संख्या महज 1006 थी.
पिछले साल लिया गया था फैसला
आईआईटी में लड़कियों के लिए अतिरिक्त सीट बढ़ाने का फैसला असल में अप्रैल 2017 में ही लिया गया था. काउंसिल का कहना है पिछले साल 10 प्रतिशत के मुकाबले इस साल इस प्रतिशत को बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके लिए लगभग 550 अतिरिक्त सीटों की आवश्यकता पड़ेगी. लेकिन अब इसमें लड़कियों की संख्या को बढ़ाकर 779 कर दिया गया है.
JAB ने की थी सिफारिश
काउंसिल ने ये फैसला JAB (ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड) की सिफारिश के आधार पर लिया था जिसके चेयरमैन आईआईटी मंडी के डायरेक्टर टी ए गोंसाल्वे हैं. सब कमिटी ने यह समीक्षा की थी कि कई लड़कियां JEE एडवांस तो पास करती हैं और लड़कों के मुकाबले यह अनुपात JEE एडवांस में लगभग 45 प्रतिशत है. लेकिन एडमिशन के बाद यह अनुपात घटकर 10 प्रतिशत हो गया.
सामाजिक स्थिति
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आईआईटी में लड़कियों की कम संख्या का मतलब है स्कूल की बच्चियां जो इंजीनियरिंग में करियर बना रही हैं उनका कोई महिला रोल मॉडल ना होना जिन्होंने आईआईटी से बी.टेक किया है. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि 'छात्राएं जिन्होंने जेईई (एडवांस) क्लियर किया है उन्हें इन सीट के लिए योग्य माना जाएगा. वो सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों में टॉप 2 प्रतिशत में आती हैं.'