खत्म होगा JEE Main और NEET पैटर्न, अब CUET से इंजीनियरिंग और मेडिकल में एडमिशन
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जेईई मेन (JEE Main) और नीट (NEET) को सीयूईटी (CUET) के अंतर्गत लाने पर विचार किया जा रहा है, जिसके जरिए छात्रों पर मल्टिपल एंटरेंस एग्जाम के पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सके.
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अगले शैक्षणिक वर्ष (2023-24) से इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस यानी जेईई और नीट (JEE & NEET) को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के साथ मिलाने की योजना बना रहा है. यूजीसी इस वक्त उन तरीकों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है, जिसके जरिए वो इस परीक्षा को सफलतापूर्वक आयोजित कर सकें. इसलिए सीयूईटी इस विषय में विशेषज्ञों की एक समिति बनाने की तैयारी कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जेईई मेन (JEE Main) और नीट (NEET) को सीयूईटी (CUET) के अंतर्गत लाने पर विचार किया जा रहा है, जिसके जरिए छात्रों पर मल्टिपल एंटरेंस एग्जाम के पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सके. उन्हेंने बताया कि यह विचार पूरी तरह से राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप है. बता दें कि जेईई मेन (JEE Main) का आयोजन देश भर के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए किया जाता है. वहीं देश भर के सभी स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट (NEET) की परीक्षा आयोजित की जाती है.
यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि सीयूईटी यूजी (CUET UG) का आयोजन 2023-24 से साल में दो बार किया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए, जिससे छात्रों को मल्टिपल एंटरेंस एग्जाम में बैठने की आवश्यकता ना पड़े.
यूजीसी अध्यक्ष ने आगे कहा कि "सीयूईटी के शुरू होने के बाद अब देश भर में कुल तीन प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं हैं, जिसमें सीयूईटी समेत नीट और जेईई (CUET, NEET, JEE) शामिल हैं. इसमें से भी ज्यादातर छात्र कम से कम दो परीक्षाएं देते हैं, और कई तो तीनों परीक्षाओं के लिए उपस्थित होते हैं. नीट में छात्रों के पास बायोलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री होती है तो जेईई में बायोलॉजी की जगह मैथ्स आ जाती है. ऐसे में दो विषय यहां भी कॉमन ही होते हैं, जिन्हें विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सीयूईटी में भी उपयोग किया जाता है. इसलिए हम छात्रों के लिए मल्टिपल एंटरेंस एग्जाम के बजाय सिंगल एंट्रेंस एग्जाम के आयोजन पर विचार कर रहे हैं.
हालांकि, यूजीसी प्रमुख ने यह स्पष्ट किया है कि इस विचार को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है, और वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्रों के लिए न्यू कॉमन एंट्रेंस टेस्ट शुरू होने से पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और सभी संबंधित हितधारक अच्छी तरह से इसके लिए तैयार हो जाएं. उनहोंने बताया कि इसके लिए सबसे पहले, यूजीसी एक विशेषज्ञ समिति बनाएगी, जो मौजूदा प्रवेश परीक्षा प्रक्रियाओं की जांच करेगी. "वे एक इंटिग्रेटिड सीयूईटी (Integrated CUET) की संभावना को भी देखेंगे, जिसके लिए कई एक्सपर्ट्स और छात्रों द्वारा सुझाव दिए जाएंगे. फिर, इन सुझावों को हितधारकों की प्रतिक्रिया के लिए रखा जाएगा, और प्रतिक्रिया के आधार पर ही इस विचार को अंतिम रूप दिया जाएगा.