Kailash Mansarovar Yatra: हिंदूओं के आराध्य है शिवजी, जिन्हें कैलाशवासी कहा जाता है. भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाले कैलाश पर्वत की एक झलक देखने के लिए सनातनी लालायित रहते हैं. कैलाश-मानसरोवर यात्रा पिछले कई सालों से स्थगित चल रही. अब उत्तराखंड पर्यटन विभाग इस संबंध में वैकल्पिक तरीके खोज रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत की झलक भारत की सरजमीं से ही मिल सके.


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सिर्फ ये लोग ही कर सकते हैं यात्रा
कैलाश मानसरोवर की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक केवल भारतीय नागरिकों को ही भारत से यात्रा करने की मंजूरी मिल सकती है. धार्मिक प्रयोजनार्थ होने वाल इस यात्रा के लिए विदेशी नागरिक आवेदन करने के पात्र नहीं हैं.


कैलाश जाने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए पासपोर्ट होना जरूरी है. ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक यात्रा पर जाने के इच्छुक व्यक्ति के पास मौजूदा साल के 1 सितंबर को कम से कम 6 महीने की शेष वैधता अवधि वाला भारतीय पासपोर्ट होना जरूरी है. 


यात्रा के लिए जरूरी शर्तें
कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले शख्स की उम्र मौजूदा साल की 1 जनवरी को न्यूनतम 18 और  70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. उस व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स यानी कि बीएमआई 25 या उससे कम होना चाहिए. यात्रा करने के लिए उसे व्यक्ति को शारीरिक तौर पर स्वस्थ और मेडिकली फिट होना चाहिए. 


चीन ने वीजा देने शुरू कर दिए
वहीं, कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चीन ने वीजा देने शुरू कर दिए हैं, लेकिन साथ ही कई नियम भी कड़े कर दिए हैं. चीन ने इस यात्रा की फीस लगभग दोगुनी कर दी है. अब भारतीयों को इस यात्रा के लिए कम से कम 1.85 लाख रुपए खर्च करने होंगे.अगर वो अपनी सुविधा के लिए किसी नेपाल वर्कर या हेल्पर को साथ रखते हैं, तो 'ग्रास डैमेजिंग फी' के नाम पर 300 डॉलर यानी 24 हजार रुपये अलग से देने होंगे.