Success Story: आज हम एक ऐसे लड़के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने यह साबित कर दिया है कि सफलता हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती. दरअसल, आज हम आपको एक ऐसे छात्र के बारे में बताएंगे, जिन्होंने मजह 14 साल की उम्र में ही देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक IIT-JEE की परीक्षा पास कल डाली थी. इसके अलावा वह मात्र 19 साल की उम्र में ही PhD स्कॉलर भी बन गए थे. 


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दरअसल, हम बात कर रहे हैं दिल्ली के रहने वाले सहल कौशिक की, जिन्होंने महज 14 साल की उम्र में आईआईटी-जेईई परीक्षा पास करके इतिहास रच दिया. सहल कौशिक ने साल 2010 में यह उपलब्धि हासिल की थी और इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि वह एक प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं. सहल कौशिक ने आईआईटी-जेईई परीक्षा में ऑल इंडिया 33वीं रैंक हासिल की थी और उस समय आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास करने वाले सबसे कम उम्र के छात्र बन गए थे. आईआईटी-जेईई की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद सहल ने ग्रेजुएशन के लिए आईआईटी कानपुर के पांच साल के इंटिग्रेटिड M.Sc (Physics) पाठ्यक्रम में एडमिशन ले लिया.


सहल कौशिक ने महज 19 साल की उम्र में आईआईटी कानपुर से अपना कोर्स पूरा किया और फिर अमेरिका से पीएचडी करने का फैसला किया. वह पीएचडी के लिए न्यूयॉर्क के स्टोनी ब्रुक विश्वविद्यालय गए और उस समय अमेरिका में सबसे कम उम्र के पीएचडी स्कॉलर बन गए. सहल कौशिक ने जीआरई (GRE) में 340 में से 337 अंक हासिल किए और वहीं, टीओईएफएल (TOEFL) में वह 120 में से 112 अंक हासिल करने में सफल रहे. बता दें कि सहल हाई एनर्जी पार्टिक्लस (High Energy Particles) पर रिसर्च करने के लिए अमेरिका गए थे.


आईआईटी कानपुर से कोर्स करने के दौरान सहल कौशिक अपनी मां के साथ रहते थे. सहल की मां के अनुसार, जब वह आईआईटी कानपुर में थे तब वह काफी शर्मीले और अंतर्मुखी (Introvert) थे. आईआईटी से पास होने के बाद जब सहल अमेरिका गए तो पहली बार वह अपनी मां से दूर हुए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सहल बचपन से ही काफी मेधावी थे और उन्होंने महज 6 साल की उम्र में एचजी वेल्स की 'टाइम मशीन' पढ़ ली थी.


गौरतलब है कि आईआईटी में एडमिशन के लिए कोई आयु सीमा नहीं है, लेकिन आईआईटी में पढ़ने के लिए छात्र को कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है. इसलिए बता दें कि सहल ने 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के लिए एक प्राइवेट स्कूल से पढ़ाई की थी और 12वीं कक्षा में 78 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.