Why UPSC Candidate can not Crack SSC: हर साल देखा गया है कि लाखों उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते है. लेकिन इस परीक्षा को केवल 900 से लेकर 1000 उम्मीदवार ही क्रैक कर आईएएस व आईपीएस का पद हासिल कर पाते हैं. लेकिन जो परीक्षा क्लियर नहीं कर पाते, उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सबसे पहले तो बढ़ती उम्र के साथ परीक्षा की तैयारी करना और अपने सपनों को साकार करना काफी चिंता भरा रहता है. क्योंकि इस परीक्षा का पासिंग प्रतिशत काफी कम है. ऐसे में बहुत से उम्मीदवारों को लगता है कि अगर वे UPSC क्रैक नहीं कर पाए, तो SSC क्रैक करके कोई ना कोई सरकारी नौकरी तो हासिल कर ही लेंगे. लेकिन बता दें कि उम्मीदवारों की यह सबसे बड़ी भूल होती है. इसको लेकर दृष्टि आईएएस के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति ने भी अपनी बात रखी है. 


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UPSC कैंडिडेट्स नहीं कर सकते आसानी से SS क्रैक
अक्सर देखा गया है कि जब एक उम्मीदवार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास नहीं कर पाता, तो वह एसएससी (SSC) की सीजीएल व सीएचएसएल जासी परीक्षा पास कर केवल सरकारी नौकरी लेने की चाह को पूरा करने में लग जाता है. बहुत से उम्मीदवारों के लगता है कि अगर वे यूपीएससी की तैयारी करेंगे, तो उनके लिए एसएससी की परीक्षा क्रैक करना काफी आसान हो जाएगा. हालांकि, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इसको लेकर दृष्टि आईएएस के फाउंडर और देश भर के उम्मीदवारों को आईएएस की कोचिंग देने वाले लोकप्रिय शिक्षक विकास दुव्यकीर्ती सर ने भी अपनी राय दी है.


इस कारण नहीं होता है UPSC की तैयारी करने वालों का SSC क्रैक
विकास सर का कहना है कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) की तैयारी में काफी गहनता के साथ पढ़ाई करने और विश्लेषण करने की जरूरत होती है. वहीं एससससी (SSC) व उसी लेवल की भर्ती परीक्षाओं में यूपीएससी वाले लेवल की जरूरत नहीं होती है. अब बात करें कि जो कैंडिडेट यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का तैयारी कर रहे हैं, क्या वे एसएससी की परीक्षाएं पास कर सकते हैं या नहीं, तो ऐसे में विकास सर का कहना है कि इन कैंडिडेट्स के लिए इस परीक्षा को पास करना भी आसान नहीं होता है. क्योंकि दोनों परीक्षाएं अलग-अलग तरह की होती हैं. इन दोनों ही भर्ती परीक्षाओं के नेचर में काफी अंतर होता है. हालांकि, सिविस सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को इस परीक्षा की तैयारी लेखन, पत्रकारिता, अकादमिक, रिसर्च आदि में काफी मदद करती है.