IAS Mandar Patki Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि कई ऐसे यूपीएससी उम्मीदवार हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है लेकिन बाद में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. हालांकि, ऐसे सभी उम्मीदवार परीक्षा क्रैक नहीं कर पाएं, लेकिन बहुत से इंजीनियर उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने इस परीक्षा में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.


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आज इस लेख में हम आपको एक ऐसे उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जो इंजीनियर से सिविल सेवक बने और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली थी. दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर मंदार पाटकी की. मंदार 2020 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. मंदार वर्तमान में असिस्टेंट कलेक्टर और परियोजना अधिकारी, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, तलोदा, नंदुरबार के रूप में तैनात हैं.


वह जुलाई 2022 से नवंबर 2022 तक पांच महीने तक जनजातीय मामलों के मंत्रालय में सहायक सचिव थे. इससे पहले, वह ट्रेनी के रूप में अमरावती के सहायक कलेक्टर के रूप में तैनात थे.


उन्होंने 2019 में ऑल इंडिया रैंक 22 के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में बिना कोचिंग के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली थी. महाराष्ट्र में जन्मे आईएएस मंदार ने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करने के लिए अपने दम पर तैयारी की थी. उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना था.


आईएएस मंदार का मानना है कि यूपीएससी में जीरो से शुरुआत करके भी सफलता हासिल की जा सकती है. उन्होंने एक बार कहा था कि यूपीएससी के लिए आपका एजुकेशनल बैग्राउंड मायने नहीं रखता, अगर यहां कुछ महत्वपूर्ण है, तो वह है अच्छी रणनीति और कड़ी मेहनत.


बता दें कि मंदार ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन वह हमेशा से एक औसत छात्र थे. उन्होंने पुणे के विश्वकर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (B.Tech) में ग्रेजुएशम की डिग्री प्राप्त की है. इससे पहले, उन्होंने पुणे के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज से पॉलिटेक्निक डिप्लोमा किया था. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने एक साल का गैप लिया था. उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2019 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास कर ली.