Model School: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए एक खुशखबरी है. अब प्रदेश के करीब 5700 मॉडल स्कूलों में हर प्रैक्टिकल सब्जेक्ट्स की अलग लैब होगी. जी हां, इन स्कूलों में फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बायोलॉजी की अलग-अलग लैब होने के साथ ही स्मार्ट क्लास (Smart Class) और डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) लैब भी तैयार की जाएंगी.


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इस मिशन को ऑपरेशन कायाकल्प नाम दिया गया है. अगले साल से ऑपरेशन कायाकल्प के दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत कंपोजिट मॉडल स्कूलों (Model Composite Schools) का निर्माण किया जाएगा. समग्र शिक्षा अभियान ने इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर ली है. इस कायाकल्प से प्रदेश के 30 लाख स्टूडेंट्स को लाभ होगा. 


मिलेंगी ये सुविधाएं
उत्तर प्रदेश में 4,000 स्कूलों को मॉडल कंपोजिट स्कूलों में तब्दील किया जाना है. जबकि, प्रदेश के1780 स्कूलों को पीएम श्री विद्यालय योजना के तहत डेवलप किया जाना है. इनमें पहले से विकसित स्कूलों को मॉडल स्कूल के तौर पर तैयार किया जाएगा.


इन स्कूलों में हर क्लास के लिए अलग से टीचर और क्लासरूम होगा. इसके साथ ही स्टूडेंट्स के लिए प्ले ग्राउंड, लाइब्रेरी, मिल डे मील शेड, किचन, हैंड्स ऑन लर्निंग और स्किल डेवलपमेंट सेंटर आदि तैयार किए जाएंगे.  


मार्च तक तय मानकों में किए जाएंगे तैयार 
इन स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई कराई जाएगी और एक स्कूल में कम से कम 500 स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन मॉडल स्कूलों के लिए प्रति स्कूल तकरीबन 1.40 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है.


इसमें कुछ बजट सरकार से मांगा गया है और बाकी की रकम प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों से कन्वर्जेंस ली जाएगी. मार्च 2023 तक ऑपरेशन कायाकल्प के सभी 19 मानकों को पूरा किया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी.