Mohit Kasniya Story: यूपीएससी सिविल सर्विसेस एग्जाम को पास कर एक IAS या IPS अधिकारी बनना आज हर नौजवान का सपना है. हर साल लाखों अभ्यर्थी यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देते हैं, लेकिन उनमें से मात्र कुछ योग्य अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर प्रशासनिक अधिकारी का पद हासिल कर पाते हैं. आज हम ऐसे ही एक योग्य अभ्यर्थी की बात करेंगे, जिन्होंने ना केवल यूपीएससी की परीक्षा पास की है, बल्कि पिछले 28 सालों के एक रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है.


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तोड़ा 28 साल पुराना रिकॉर्ड
दरअसल, हम बात करे रहे हैं UPSC CSE 2021 की परीक्षा में 61वीं रैकं प्राप्त करने वाले मोहित कासनिया की, जिन्हें हाल ही में अपने गृह राज्य राजस्थान के लोगों की सेवा करने का मौका दिया गया है. मोहित को आयोग की तरफ से होम कैडर राजस्थान अलॉट किया गया है. हालांकि, बात करें मोहित द्वारा तोड़े गए 28 साल पुराने रिकॉर्ड की, तो उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) की वार्षिक इंटर हाउस एकेडमी एथेलेटिक्स मीट में 1.53 मीटर ऊंची कूद लगाकर 1994 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.


PhD के साथ-साथ क्रैक की UPSC
बता दें कि मोहित राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले हैं. उनका चयन पहले एक IPS Officer के पद पर हुआ था, लेकिन उनकी इच्छा एक IAS Officer बनने की थी, जिसके लिए उनहोंने दोबारा यूपीएससी का एग्जाम दिया और अंतत: आईएएस ऑफिसर का पद हासिल कर लिया. हालांकि, बता दें कि मोहित को यह सफलता उनके 7वें प्रयास मिली थी. मोहित ने अपना कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई पीलीबंगा से की थी, जबकि इसके बाद उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग जयपुर से की. बता दें इंजीनियरिंग के बाद मोहित ने दिल्ली में स्थित JNU में PhD में दाखिला ले लिया था.


टॉपर्स की इन टिप्स से मिली सफलता
मीडिया रिपोर्स के मुताबिक, मोहित ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने साल 2016 में अपना यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. पहला अटेंप्ट देने से पहले वे रोजाना करीब 10 से 12 घंटे पढ़ाई किया करते थे. उन्होंने अपने पहले अटेंप्ट में प्रीलिम्स तो क्लियर कर लिया था, लेकिन वे मेन्स में लटक गए. उन्होंने अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट फिजिक्स रखा था क्योंकि वे उस समय 11वीं व 12वीं के छात्रों को पढ़ाते भी थे. लेकिन मोहित मानते हैं कि वे ऑप्शनल को लेकर थोड़े ओवर कॉन्फिडेंट हो गए थे. यही कारण था कि वे ऑप्शनल में 500 में से केवल 180 अंक ही हासिल कर पाए थे. इसके बाद उन्होंने कई अटेंप्ट दिए, लेकिन कभी मेन तो इंटरव्यू राउंड में असफल हो जाते थे. मोहित बताते हैं कि साथ 2020 में उन्होंने बहुत कुछ पढ़ा, लेकिन 2021 में उन्होंने टॉपर्स की बातों को सुनकर सिलेबस को अच्छे से समझा और फिर कंटेंट पर नहीं बल्कि पिछले साल के प्रश्न पत्रों को हल करने में जुट गए.


कहा अभ्यर्थियों को टारगेट ओरिएंटेड होने की जरूरत
मोहित कहते हैं कि अभ्यर्थियों को तैयारी के दौरान टारगेट ओरिएंटेड होना चाहिए. अभ्यर्थियों को पिछले सालों के टॉपर्स को सुनना चाहिए और उनकी बातों में से जो बात कॉमन निकले उस पूरी तरह से अमल करना चाहिए.