Russia-Ukraine War: 5 प्वाइंट में जानें आखिर यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने क्यों जाते हैं भारतीय
5 प्वाइंट में जानें आखिर बड़ी संख्या में भारतीय क्यों जाते हैं, मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन
नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज तीसरा दिन है. रूस के हमले से यूक्रेन की कई बिल्डिग ध्वस्त हो गई हैं. जगह-जगह लाशें बिखरीं हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए अंडर-ग्राउंड शेल्टर में छिपे हैं. वहीं, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए हजारों की संख्या में भारतीय छात्र भी फंस गए हैं, जिन्हें रोमानिया के रास्ते निकाला जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 10000 लोग अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जब भारत में मेडिकल के अच्छे-अच्छे कॉलेज हैं, तो इतनी बड़ी संख्या में छात्र वहां क्यों पढ़ाई के लिए जाते हैं. ऐसे में आइए हम सिर्फ 5 प्वाइंट में जानते हैं इसके पीछे का कारण....
1- सस्ती पढ़ाई
भारत में एमबीबीएस, बीडीएस और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए हर वर्ष नीट की परीक्षा आयोजित की जाती है. इस परीक्षा में लाखों की संख्या में छात्र शामिल होते हैं. लेकिन सीटें सीमित होने की वजह से सिर्फ कुछ हजार छात्रों को ही सरकारी कॉलेजों में प्रवेश मिल पाता है. वहीं, जिन्हें सरकारी में एडमिशन नहीं मिलता है, वो प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं. भारत के प्राइवेट कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस 10-12 लाख रुपए प्रति वर्ष लगती है. जबकि यूक्रेन में एक साल की पढ़ाई का खर्च सिर्फ 2-3 लाख रुपए आता है.
2- नीट के आधार पर एडमिशन
यूक्रेन के अधिकतर मेडिकल कॉलेजों में सिर्फ नीट (नेशनल कम एलिजिबिलिटी टेस्ट) के आधार पर ही एडमिशन मिल जाता है. यानि कि जो छात्र नीट की परीक्षा में पास हैं, और बेहतर रैंक नहीं आने की वजह से उन्हें भारत में सरकारी कॉलेज नहीं मिल पाया है, उन्हें यूक्रेन में आसानी से एडमिशन मिल जाता है.
3- डिग्री का महत्व
यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करने वालों की डिग्री की वैल्यू दुनियाभर में होती है. वहीं यहां पर स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर भी मिलता है. साथ ही यूक्रेन की मेडिकल डिग्री को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपीय काउंसिल और अन्य वैश्विक संस्थाओं में मान्यता मिलती है. एक वजह ये भी है कि यहां पर अधिकतर भारतीय पढ़ाई के लिए जाते हैं.
4- भारत में मिलते हैं अच्छे मौके
यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करके आने वाले छात्रों को बढ़िया पैकेज मिलता है. यही वजह है कि अधिकतर स्टूडेंट्स यूक्रेन में पढ़ाई के लिए जाते हैं. हालांकि, यूक्रेन से पढ़ाई करके भारत में प्रैक्टिस शुरू करने के लिए उन्हें टेस्ट जरूर देना पड़ता है.
5- विदेश में बसने का मौका
यूक्रेन से मेडिकल की डिग्री लेने वाले छात्रों की वैल्यू यूरोपियन देशों में ज्यादा है. यही वजह है कि वो यहां से पढ़ाई करके यूरोप चले जाते हैं. साथ ही यूक्रेन से पढ़ाई करने पर यूरोप में आसानी से नागरिकता भी मिल जाती है. यही वजह है कि भारतीय यूक्रेन में पढ़ाई के लिए बड़ी संख्या में वहां जाते हैं.
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