Unknown Facts About Santhal Tribe: अपनी प्रथाओं और गौरवपूर्ण इतिहास के कारण संथाल जनजाति का बोलबाला पूरे देश में रहा है. यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है. संथाल ट्राइब को भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान महान सेनानी के तौर पर भी याद किया जाता है. आपको बता दें कि भारत की मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) भी संथाल ट्राइब (Santhal Tribe) से आती हैं. जानें इस जनजाति से जुड़ी और भी खास बातें...


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अंग्रेजों से बगावत करने वाले सबसे पहले लीडर


संथाल जनजाति के सबसे पहले लीडर का नाम तिलका मांझी (Baba Tilka Manjhi) था, जिन्होंने अंग्रेजों पर हथियार उठाया था. तिलका मांझी ने 1780-85 के मध्य ब्रिटिश हुकूमत के ऊपर लगातार हमले किए. जबरा पहाड़िया कहलाने वाले तिलका मांझी भारत में ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने वाले वीर आदिवासी थे. वे आज भी पहाड़िया आदिवासियों की कहानियों, स्मृतियों और गीतों में जिन्दा हैं. 


कहां हुई उत्पत्ति


माना जाता है कि नॉर्थ कंबोडिया के चंपा साम्राज्य से इनकी उत्पत्ति हुई है. 18वीं सदी के अंत तक यह घुमंतू समुदाय भारत के अलग-अलग राज्यों में बस गया. इस समुदाय के लोग सबसे ज्यादा झारखंड और वेस्ट बंगाल में रहते हैं. इसके अलावा अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, एमपी, बिहार और असम में भी इस समुदाय के लोग पाए जाते हैं. 


जानें कितनी है आबादी


साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार संथाल राज्य की सबसे बड़ी जनजाति है. इनकी कुल जनसंख्या 27.54 लाख है. संथाल जनजाति के लोग भगवान सरना या सरी धर्म की पूजा करते हैं. सरना वो लोग हैं जो प्रकृति की पूजा करते हैं. संथाल जनजाति के लोगों का यह मानना है कि पूरे दिन काम करने के बाद डांस करने से आराम मिलता है और अच्छी नींद भी आती है. 


जानकारी के मुताबिक संथाल जनजाति के लोगों का सबसे बड़ा त्योहार होता है, जो सितंबर-अक्टूबर में आता है. इस समय समुदाय के लोग अपने घर के सामने करम का पेड़ भी लगाते हैं. उनके मुताबिक इससे उनके घर की शुद्धि होती है.