Ear Infection: बच्चों को हर बदलते मौसम में सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इन्हीं पर सबसे पहले मौसम की मार पड़ती है.वहीं, मॉनसून में किसी भी तरह के संक्रमण और रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इन दिनों वैसे भी आई फ्लू का कहर हर तरफ देखा जा सकता है.


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वहीं, ऐसे में कान के इंफेक्शन के चलते आपके बच्चे को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, क्योंकि इस सीजन में कान के इंफेक्शन होने का जोखिम बहुत रहता है. इसके लक्षण जानकर इस परेशानी से बचा जा सकता है. यहां जानिए कान के इंफेक्शन के लक्षण और बचाव के उपाय...


बारिश के पानी से होता है कानों में इंफेक्शन
बच्चे बारिश के पानी में खेलना पसंद करते हैं, लेकिन जब यह पानी कान में चला जाता है तो इसके कारण उन्हें कान में तेज दर्द हो सकता है. वहीं, कान सुन्न होना, कान में खुजली जैसी कई समस्या होने लगती है. ऐसे में अगर घर में कोई भी इन दिनों कान की समस्या से परेशान हैं तो हो सकता है कि उन्हें कान में इंफेक्शन हुआ हो. 


इयर इंफेक्शन होने की ये भी है वजह
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बारिश में आंख, कान और स्किन से संबंधित समस्याएं तेजी से बढ़ती हैं. इसका वजह ह्यूमिडिटी होती है जो कि फंगल इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया के प्रजनन के लिए अनुकूल जगह हो सकती है. जबकि, कान में छिपी गंदगी और ईयरबड्स के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से भी इयर इंफेक्शन हो सकता हैं. 


कान में इंफेक्शन होने पर दिखते हैं ये लक्षण
कानों में बहुत तेज दर्द  और लगातार खुजली होना. इसके अलावा कान का बाहरी हिस्सा लाल होने का साथ ही ठीक से सुनाई न देना और कानों में भारीपन महसूस होना. साथ ही कान से सफेद या पीले रंग का पस निकलना ये सब इंफेक्शन के लक्षण हैं. ऐसे में फौरन डॉक्टर को दिखाएं. 


ऐसे रहें संक्रमण से दूर
बारिश के मौसम में नमी से बचने के लिए कान को हमेशा साफ और सूखा रखें. इसके लिए रफ कपड़ा भूलकर भी यूज न करें. नरम और साफ कॉटन के कपड़े से कान साफ करें और ज्यादा ईयरबड्स यूज नहीं करना चाहिए. दूसरे के यूज किए हुए ईयरफोन का इस्तेमाल न करें. वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि अपने ईयरफोन समय-समय पर डिसइनफेक्ट करते रहें. 


गले का भी रखें ख्याल
गले में इंफेक्शन या खराश का असर कान पर पड़ सकता है. जिसकी वजह से कान का संक्रमण होने का खतरा रहता है. ऐसे में बारिश के मौसम में अपने गले का भी विशेष ख्याल रखें. वहीं, कोशिश करें कि हर 6 महीने में ईएनटी विशेषज्ञ से गले की जांच करा सकें.


डिस्क्लेमरः इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया गया है. हालांकि, इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिंदी की नहीं है. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.