Erasmus Mundus Scholarship: सामान्य भारतीय परिवारों से आने वाले युवा भी विदेशों से हायर एजुकेशन हासिल कर सकते हैं. कई संस्थान विदेशों में पढ़ाई करने के लिए इंडियन स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप (Scholarship) दे रहे हैं. इन्हीं में से एक इरास्मस मुंडस स्कॉलरशिप (Erasmus Mundus Scholarship) है.


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इसकी मदद से कोई भी भारतीय छात्र-छात्राएं किसी भी यूरोपीयन देशों और यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट कर सकते हैं. इतना ही नहीं स्टूडेंट्स को स्टडी के बाद इंटर्नशिप करने का भी मौका मिलेगा. सबसे खास बात यह है कि इस स्कॉलरशिप को पाने के लिए कैंडिडेट्स की कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है. 


कोई भी स्कॉलरशिप पाने के लिए एक निर्धारित योग्यता मापदंड होते हैं और इसकी पात्रता होने पर ही आपको स्कॉलरशिप दी जाती है.  इरास्मस मुंडस स्कॉलरशिप के लिए भी कुछ मानकों पर खरा उतरना जरूरी है, जो इस यहां नीचे दी गई है-


योग्यता के लिए जरूरी है शर्तें
1.इस स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स यह सुनिश्चित करें कि उनका आईईएलटीएस (IELTS) में 6.5 बैंड स्कोर हो.
2.स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति ने अपनी 16 वर्षों की शिक्षा पूरी कर ली हो. 
3.आवेदक यह ध्यान रखें कि प्रोग्राम के अनुसार दो लेटर ऑफ रिकमेंडेशन की जरूरत  होगी. इस संबध में अधिक जानकारी वेबसाइट पर मिलेगी. 
4.एक सरकारी वकील द्वारा प्रमाणित निवास प्रमाण पत्र, यह सुनिश्चित करता है कि आवेदक पिछले पांच वर्षों में एक साल या उससे ज्यादा समय से यूरोप में नहीं रह रहा है.
5.आवेदक के पास लेटर ऑफ मोटिवेशन होना बहुत जरूरी है. 


इस स्कॉलरशिप के फायदे
इरास्मस मुंडस स्कॉलरशिप हासिल करने वाले भारतीय स्टूडेंट्स या कैंडिडेट्स को  1100-1500 यूरो का स्टाइपेंड हर महीने दिया जाएगा.
स्कॉलरशिप होल्डर को मास्टर्स या पीएचडी की पढ़ाई कंप्वीट करने के बाद वर्क वीजा दिया जाएगा.
स्कॉलरशिप हासिल करने के लिए कोई आयु सीमा तय नहीं, इस तरह आप किसी भी उम्र में अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं.