Success Story: झारखंड के टॉपर आयुष झा का पकवान कनेक्शन, क्या ऐसे भी कर सकते हैं नीट टॉप? जानिए
NEET UG 2022 Topper Success Story: नीट एग्जाम 2022 के नतीजे आ चुके हैं. एनटीए ने नतीजे घोषित करते हुए टॉपर्स की लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में झारखंड के नीट टॉपर आयुष झा का भी नाम है. आइए आपको बताते हैं आयुष के बारे में कैसे उन्होंने इतना कठिन एग्जाम क्लियर किया.
NEET Topper Success Story: नीट एग्जाम 2022 के नतीजे (NEET Result 2022) आ चुके हैं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने नतीजे घोषित करते हुए टॉपर्स की लिस्ट भी जारी कर दी है. वैसे तो इस लिस्ट में कई नाम शामिल हैं. इस लिस्ट में झारखंड के नीट टॉपर आयुष झा का भी नाम है.
आइए आपको बताते हैं आयुष के बारे में कैसे उन्होंने इतना कठिन एग्जाम क्लियर किया और इसके पीछे कोई मोटिवेशन थी या कोई लालच. लालच शब्द सुन चौकिए नहीं. इस खबर में आपको खुद ब खुद पता चल जाएगा तो चलिए शुरू करते हैं आयुष की कहानी.
आयुष ने देश भर में 9वीं रैंक हासिल की
दरअसल, आयुष की कहानी बिलकुल बाकी बच्चों से जरा अलग है. बागबेड़ा, जमशेदपुर के रहने वाले आयुष नीट के टॉपर हैं. उन्होंने जनरल कैटेगरी में ऑल इंडिया में 133 रैंक हासिल किया है. वहीं, अगर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मुताबिक देखें तो आयुष ने देश भर में 9वीं रैंक हासिल की है. आपको बता दें कि इस साल झारखंड से नीट यूजी परीक्षा में लगभग 24000 छात्रों ने भाग लिया था. यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित की गई. 2022 में आयोजित नीट परीक्षा में देश भर से लगभग 18 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था. आपको बता दें कि नीट 2022 का एग्जाम बीते 17 जुलाई को हुआ था.
टॉपर के पिता दुकानदार
एक पिता का सीना तब फक्र से चौड़ा हो जाता है जब उसके बच्चे माता-पिता का नाम रोशन करते हैं. आयुष के पिता का भी कुछ यही हाल है. वह बेटे की सफलता से गदगद है. आपको बता दें कि झारखंड के नीट टॉपर आयुष के पिता सुमन कुमार झा पेशे से दुकानदार हैं.
नीट परीक्षा में 695 अंक प्राप्त किए
उनका बागबेड़ा में मेडिकल स्टोर है. वह परिवार के साथ बागबेड़ा में ही रहते हैं. आपको बता दें कि आयुष ने नीट परीक्षा में 720 में से कुल 695 अंक प्राप्त किए हैं. खास बात यह है कि आयुष की मां पिंकी देवी एक गृहणी हैं. बेटे के इस सफल होने पर परिजनों में खुशी का माहौल है. बधाई देने वालों का सिलसिला लगातार जारी है.
तो क्या 2 साल से पकवान की तड़प ने टॉप कराया एग्जाम?
जी हां ऐसा कहा जा सकता है. दरअसल, आपके और हम सबके घर में पढ़ाई के लिए बच्चों को तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं. कभी चॉकलेट तो कभी कोई पसंदीदा खिलौना. वहीं, आयुष की कहानी इससे कहीं ज्यादा आगे है. जानकारी के मुताबिक आयुष के घर में पिछले दो साल से कोई अच्छा पकवान नहीं बना है.
दरअसल, आयुष की मां ने उनसे कहा कि जब वह नीट पास करके दिखा देंगे, तब ही घर में अच्छे पकवान बनेंगे. आयुष ने टॉप करके दिखा दिया. अब तो उम्मीद यही है कि रोज तरह-तरह के पकवान बनाकर से आयुष को खुश किया जाएगा. आखिर उन्होंने पूरे परिवार को इतनी बड़ी खुशी जो दी है.
यह है आयुष की ख्वाहिश
आयुष के रैंक के हिसाब पर उनका एम्स दिल्ली में एडमिशन होना लगभग तय है. आयुष की एम्स दिल्ली से पढ़ने की इच्छा है, साथ ही उनके पेरेंट्स भी यही चाहते हैं.
ऐसे की नीट की तैयारी
टीचर के बताए अनुसार आयुष नीट की तैयारी करते थे. पुराने प्रश्न पत्रों और सैंपल पेपर को हल करने के साथ ही हर दिन लगभग 3-4 घंटे का समय नीट की तैटारी करने में दिया करते थे.