Success Story: हर दिन 6 घंटे बनाती थीं ईंट, बचे समय में की तैयारी, गरीबी को मात देकर अब बनेंगी डॉक्टर
NEET UG 2023 Success Story: यमुना चक्रधारी सेल्फ स्टडी के दम पर चार प्रयासों के बाद आखिरकार कामयाबी हासिल करके ही मानी. अब वह आगे एमबीबीएस के बाद एमडी या एमएस के लिए की डिग्री लेकर डॉक्टर बनना चाहती हैं.
NEET UG 2023 Success Story: अगर सच्ची लगन हो तो लक्ष्य हासिल करना नामुमकिन नहीं है. आजकल नीट और जेईई जैसी ज्यादातर प्रवेश परीक्षाओं को लेकर युवाओं में एक धारणा बनी हुई है कि बिना कोचिंग के ये एग्जाम क्लियर नहीं किए जा सकते. हालांकि, बहुत से स्टूडेंट्स को इससे सफलता भी मिलती है.
वहीं, कुछ गरीब परिवारों से आने वाले बच्चे इस भ्रम को तोड़ते हुए आगे निकल जाते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी नीट एस्पिरेंट की कहानी, जिसने कठिन संघर्षों के बीच बिना कोचिंग के अपनी लगन और मेहनत की बदौलत इस कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की है.
गरीबी को मात देकर पाई कामयाबी
हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की रहने वालीं यमुना चक्रधारी की, जिसने विपरीत परिस्थितियों में तैयारी करके नीट यूजी 2023 में सफलता हासिल की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यमुना छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की रहने वाली है. उनके माता-पिता ईंट बनाने का काम करते हैं. वह भी उनके काम में हाथ बंटाते हुए रोजाना 6 घंटे ईंट बनाने का काम करती थीं. इसके बाद बाकी वक्त में नीट की पढ़ाई करती थीं.
कठिन परिश्रम के कारण नीट में मिली सफलता
यमुना ने बताया कि उनके पिता का छोटे से ईट भट्ठे का काम है. भरण-पोषण के लिए परिवार के सभी सदस्य इस ईट भट्ठे में काम करते हैं. रोज 6 घंटे काम करने के बाद वह तैयारी के लिए भी समय निकालती थी. इसका नतीजा ये रहा कि यमुना ने न केवल नीट क्वालीफाई किया, बल्कि प्रदेश का मान बढ़ाया है. सेल्फ स्टडी के भरोसे ही चार प्रयासों के बाद यमुना ने नीट क्रैक कर लिया. यमुना के 720 में से 516 अंक आए हैं. उन्होने नीट में ऑल इंडिया रैंक 93,683 और ओबीसी कैटेगेरी में रैंक 42,684 हासिल की है.
सरकारी कॉलेज से करेंगी पढ़ाई
अब यमुना चक्रधारी सरकारी कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर पाएंगी. वह डॉक्टर बनकर गांव में ही गरीबों का इलाज करना चाहती हैं. यमुना की बड़ी बहन भी ने भी एमए में अपनी यूनिवर्सिटी में टॉप किया था, जो अब प्रोफेसर बनना चाहती हैं.