Success Story of Bhawani Singh Bhati: वो कहते है ना कि जब तक आपके पास हौसला है, आप हिम्मत नहीं हारते और अपनी मंजिल को हासिल कर ही लेते हैं. ईश्वर भी हमेशा ऐसे लोगों का साथ देते हैं जो हिम्मत रखते हैं और कभी भी कोशिश करना नहीं छोड़ते. आज हम आपको इस आर्टिकल में एक ऐसे ही शख्स की कहानी बता रहे हैं. ये कहानी भवानी सिंह भाटी की है.


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जोधपुर के रहने वाले 27 वर्षीय भवानी सिंह ने हाल ही में आरपीएससी फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर एग्जाम में सफलता हासिल की है. जोधपुर में जूस बेचकर मेहनत करने वाले भवानी सिंह उन लोगों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है जो जीवन में मुश्किलों से हताश होकर हिम्मत खो देते हैं. 


भवानी सिंह की कहानी
भवानी सिंह की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं, लेकिन यह उनके जीवन की असलियत है. भवानी सिंह भाटी जोधपुर के पास एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. बकौल भवानी सिंह, "ग्रेजुएशन के बाद अपने माता-पिता पर निर्भर नहीं रह सकता था. इसलिए जूस स्टॉल डाला, ताकि थोड़ी कमाई करके अपनी पढ़ाई के लिए पैसे जुटा सकूं.”


आपको यह जानकार बड़ी हैरानी होगी कि इन कुछ वर्षों में भवानी सिंह राजस्थान और केंद्र सरकार की परीक्षाओं समेत 20 से ज्यादा कॉम्पेटिटव एग्जाम्स में सम्मिलित हुए. हालांकि, इन परीक्षाओं में से उन्हें एक में भी सफलता प्राप्त नहीं हुई. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और अपना भविष्य संवारने के लिए बेहतर अवसरों की तलाश जारी रखी. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सब उन्होंने अपनी जूस का स्टॉल चलाने के दौरान ही किया. 


सीमित संसाधन से ही की तैयारी
उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सीमित संसाधनों का इस्तेमाल करके यह साबित कर दिया कि जब ठान लिया जाए तो कोई मुश्किल या कमी आपके मंजिल के आड़े नहीं आ सकती. भवानी सिंह ने भी अपने मोबाइल फोन के जरिए सेल्फ स्टडी जारी रखी. उन्होंने पीटीआई एग्जाम के लिए बहुत सारे मॉक टेस्ट दिए.


रिवीजन के लिए लेते थे ब्रेक 
जिस समय भवानी सिंह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, उनकी दिनचर्या काफी व्यस्त थी. उनकी दिन की शुरुआत सुबह के 4 बजे से होती थी. वह सुबह-सुबह ही जूस बेचने का काम शुरू कर देते थे. अपनी जूस की दुकान पर भवानी सिंह दिन भर बेहद व्यस्त रहते थे. दोपहर में जूस स्टॉल का शटर डाउन करके वह घर आ जाते थे, लेकिन यह ब्रेक वह अपने आराम करने के लिए नहीं लेते थे. वह रिवीजन करने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लेते थे. 


युवाओं के लिए प्रेरक है ये कहानी 
अपनी सफलता से बेहद खुश भवानी सिंह का कहना है, “मुझे विश्वास था कि कड़ी मेहनत मुझे सफल बनाएगी. मुझे इस प्रतिष्ठित पद के लिए चुना गया है. इससे मैं बेहद खुद हूं”. यह कहानी उन लोगों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हो सकती है, जो कठिन परिस्थियों और चुनौतियों का सामना कर आगे बढ़ना चाहते हैं. 


जानें क्या है आरपीएससी पीटीआई एग्जाम
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा फिजीकल ट्रेनर इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) की भर्ती के लिए आरपीएससी पीटीआई परीक्षा का आयोजन करता है. इस एग्जाम को दो पेपर्स में क्लियर किया जाता है.  इसमें सफलता हासिल करने के लिए कैंडिडेट्स को पेपर 1 और पेपर 2 को निकालना होता है. इन पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को अन्य लाभों के साथ ही 4200 रुपये का ग्रेड पे मिलता है.