3.5 फीट की आरती ने पहले प्रयास में क्रैक की UPSC, 56वीं रैंक हासिल कर बनी IAS ऑफिसर
UPSC Success Story: जब आरती का जन्म हुआ, तो डॉक्टरों ने कहा था कि वह कभी भी एक सामान्य स्कूल में जाकर पढ़ाई नहीं कर सकेगी. हालांकि, आरती ने इन सभी बातों को झुठलाते हुए देहरादून के एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में दाखिला लिया और इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री भी प्राप्त की.
IAS Officer Aarti Dogra Success Story: किसी ने सच ही कहा है कि जिंदगी में जीत होगी या हार इस बात का पता कोशिश करने के बाद ही लगता है, इसीलिए कोशिश करने से पहले हार मान लेना सही नहीं है. हम आपको अब तक कई आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) की सक्सेस स्टोरी के बारे में बता चुके हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी आईएएस अधिकारी की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अपने आप में ही बेहद प्रेरणादायक और हौसलों से भरी है.
आज हम बात करेंगे आईएएस ऑफिसर आरती डोगरा (IAS Officer Aarti Dogra) की, जो महज 3.5 फीट की हैं. उनके कम कद के होने के कारण समाज में उनका काफी मजाक उड़ाया जाता था. लोगों द्वारा मजाक उड़ाए जाने के बावजूद आरती ने कभी भी अपना धैर्य नहीं छोड़ा और निरंतर अपनी जिंदगी में कठिन से कठिन लक्ष्य प्राप्त कर उन लोगों को मुंह तोड़ जवाब दिया, जो उनका मजाक उड़ाया करते थे. आइये आज हम आपको आरती की प्रेरणादायक कहानी विस्तार से बताते हैं.
आरती उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली है. वह कर्नल राजेंद्र और कुमकुम डोगरा की बेटी हैं जो एक स्कूल प्रिंसिपल हैं. आरती की हाईट महज 3.5 फीट की है, जिसको लेकर समाज ने हमेशा ही उनका मजाक उड़ाया, लेकिन आरती के माता-पिता ने जीवन के हर पहलू में उनका साथ दिया है.
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बता दें कि जब आरती का जन्म हुआ, तो डॉक्टरों ने कहा था कि वह कभी भी एक सामान्य स्कूल में जाकर पढ़ाई नहीं कर सकेंगी. हालांकि, आरती ने इन सभी बातों को झुठलाते हुए देहरादून के एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में दाखिला लिया और इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री भी प्राप्त की. बचपन से ही शारीरिक भेदभाव का सामना करने वाली आरती डोगरा ने अपने हौसले को कभी नहीं छोड़ा और उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) पास कर डाली.
आरती ने अपने जीवन में कई तरह की कठिनाईनों का सामना करते हुए भारत की सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में पास कर डाली. आरती ने अपना पहला अटेंप्ट साल 2005 में दिया था, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया 56वीं रैंक हासिल की थी. बता दें कि वह राजस्थान कैडर 2006 बैच से हैं और यहीं से एक समर्पित लोक सेवक के रूप में उन्होंने अपना सफर शुरू किया था. इसके बाद से वह राजस्थान सरकार में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं.
आरती ने बीकानेर के जिला कलेक्टर के रूप में, खुले में शौच मुक्त समाज की स्थापना करने के लिए 'बांको बिकानो' अभियान शुरू किया था. यह स्वच्छता मिशन लोगों के व्यवहार और मानसिकता में बदलाव पर केंद्रित था. उनके इस काम को न केवल राज्य सरकार द्वारा सराहा गया, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनके इस काम की तारीफ की थी.
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फिलहाल इस वक्त आरती राजस्थान के अजमेर में कलेक्टर के पद पर तैनात हैं और इससे पहले वह एसडीएम अजमेर के पद पर भी तैनात रह चुकी हैं.