UPSSSC PET 2022: गर्भवती महिलाओं तक के 500 किमी दूर पड़े सेंटर, दिव्यांग और महिला अभ्यर्थी के परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद कम
UPSSSC PET 2022: कई महिला अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र तो 500 किलोमीटर दूर तक भी रखे गए हैं, जिसमें कई गर्भवती महिलाएं शामिल हैं. ऐसे में परीक्षा केंद्र दूर पड़ने पर भारी संख्या में छात्राओं ने परीक्षा केंद्र बदलने की मांग की है.
UPSSSC PET 2022: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की पीईटी (PET) 2022 परीक्षा से बहुत सी छात्राओं ने एग्जाम सेंटर गैर जिलों में पड़ने के कारण दूरी बना ली है. परीक्षा केंद्र 200 से 500 किलोमीटर दूर भेजे जाने से बहुत सी महिला अभ्यर्थियों ने परीक्षा की तैयारी बीच में ही छोड़ दी है. परीक्षा के एडमिट कार्ड सप्ताह भर पहले जारी किए गए थे. एडमिट कार्ड में परीक्षा केंद्रों की दूरी देख कर महिला अभ्यर्थियों और खासतौर पर शादीशुदा महिला अभ्यर्थियों ने परीक्षा से दूरी बना ली है. कई अभ्यर्थियों ने तो कोचिंग जाना भी छोड़ दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नैनी की रहने वाली स्वाति केशरवानी व प्रिया साहू का एग्जाम सेंटर 212 किमी दूर उन्नाव में पड़ा है. वहीं, राजरूपपुर की अमिता सिंह और नैनी की ही जूही साहू को 234 किमी दूर लखनऊ भेज दिया है. बता दें कि अमिता और स्वाति गृहणी हैं और घर की परिस्थितियों के मुताबिक, उनके लिए इतनी दूर जाकर परीक्षा देना संभव नहीं है. इसलिए उन्होंने ना देने का मन बना लिया है. जबकि प्रिया और जूही के घर पर कोई भी ऐसा शख्स नहीं है, जो उन्हें घर से इतनी दूर परीक्षा दिलाने के लिए ले जाए.
गर्भवती महिलाओं के 500 किमी दूर तक पड़े सेंटर
यूपीएसएसएससी की पीईटी परीक्षा को लेकर गोरखपुर में भी विवाद की स्थिति बनी हुई है. कई महिला अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र तो 500 किलोमीटर दूर तक भी रखे गए हैं, जिसमें कई गर्भवती महिलाएं शामिल हैं. वहीं, इस परिस्थिति को देखते हुए एएनएम संविदा संघ की प्रदेश संयोजिका प्रेमलता पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और कह है कि कई महिलाओं के परिवार में कोई सहायक नहीं है, जो उन्हें परीक्षा केंद्र तक ले जाए और साथ ही उन महिलाों के छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. ऐसे में उनकी परेशानियां और बढ़ जाएंगी.
दिव्यांग और महिला अभ्यर्थी के परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद कम
चित्रकूट की कई अभ्यर्थियों का सेंटर 450 किमी दूर आगरा भेज दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि कई दिव्यांग और महिला अभ्यर्थी परीक्षा में कम ही भाग ही लेंगी. परीक्षा केंद्र दूर पड़ने पर भारी संख्या में छात्राओं ने परीक्षा केंद्र बदलने की मांग की है. हालांकि, वे परीक्षा में शामिल होंगी या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल होगा.