नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कानपुर के रहने वाले "अमित कुमार निरंजन" को भारत सरकार द्वारा उनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए पद्म श्री पुरस्कार 2023 के लिए नामांकित किया गया है. उन्होंने पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए 2 लाख से अधिक छात्रों को प्रेरित किया है और साथ ही अपना परामर्श भी दिया है. इसके अलावा वे अब तक 25,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित भी कर चुके हैं. शिक्षा के क्षेत्र में किया गया यह कार्य बिना किसी समर्थन और व्यावसायिक बिरादरी के एक नौजवान द्वारा किया गया असाधारण काम है. इसके लिए ही उन्हें पद्म श्री पुरस्कार 2023 के लिए नामांकित किया गया है, जो हमारे देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है.


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फ्री में देते हैं देश भर के छात्रों को शिक्षा 
अमित बताते हैं कि वे लगातार कई सालों से बच्चों के विकास के लिए पब्लिकेशन का कार्य कर रहे हैं. वे देशभर के कई छात्रों को अब तक फ्री में शिक्षा दे चुके हैं. इसके अलावा वे पूरे भारत में शिक्षा से जुड़े विषयों पर सोमिनार भी करते रहते हैं. छात्र बिना किसी कोचिंग के कैसे सफलता प्राप्त कर सकता है, वे उस स्ट्रैटजी पर भी काम करते हैं.



स्कूलों को हैप्पी प्लेस बनाना उनका मकसद
उन्होंने आगे बताया कि वे उन बच्चों को फ्री में स्टडी मटेरियल भी बांटते हैं, जो बच्चे उन्हें खरीदने में असमर्थ रहते हैं. इसके अतिरिक्त वे स्कूलों को एक 'हैप्पी प्लेस' बनाने के कार्य में भी जुटे हुए हैं, जिससे की ज्यादा से ज्यादा छात्र स्कूलों में उपस्थित हों. इसके लिए वे छात्रों को मोटिवेट करने के साथ-साथ शिक्षकों को भी ट्रेनिंग देते हैं. इसके अलावा वे करियर काउंसलिंग का काम भी करते हैं. 


6 विषयों में कर चुकें हैं NET क्वालीफाई
अमित ने 8 सब्जेक्ट में मास्टर्स डिग्री हासिल की है. इसके साथ ही उन्होंने 6 अलग-अलग सब्जेक्ट्स में यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC-NET) भी पास की हुई है. उन्होंने साल 2010 में कॉमर्स (Commerce) और उसी साल में इकोनॉमिक्स (Economics), साल 2012 में मैनेजमेंट (Management), इसके बाद साल 2015 में एजुकेशन (Education), साल 2019 में पॉलिटिकल साइंस (Political Science) के साथ 2020 में सोशियोलॉजी (Sociology) में नेट एग्जाम क्लीयर किया है. इसके अलावा 2015 में IIT कानपुर से इकोनॉमिक्स में उन्होंने PhD कम्प्लीट की थी. फिलहाल वे इस वक्त शिक्षा की गुणवत्ता के विकास से संबंधित सब्जेक्ट में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (CSJMU, Kanpur) से PhD कर रहे हैं.



इन रिकॉर्ड्स में दर्ज करा चुके हैं अपना नाम 
बता दें पिछले 18 सालों से वह इंडियन एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं. इंडियन एजुकेशन सिस्टम में एक्सीलेंट वर्क करने के लिए ही इस साल उनका नाम वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (Worldwide Book of Records) में भी शामिल किया जा चुका है. इशके अलावा, 6 सब्जेक्ट में UGC-NET का एग्जाम क्वालीफाई करने के लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) में पहले से ही शामिल है.