Amitabh Bachchan Childhood: हिंदी के इस महान कवि से है अमिताभ बच्चन का खास कनेक्शन, पिता का दिया नाम इनकी वजह से बदला
Amitabh Harivansh Rai Bachchan: अमिताभ बच्चन, यह वह नाम है जिसके बगैर हिंदी सिनेमा का इतिहास हमेशा अधूरा रहेगा. अमिताभ के पिता उनका नाम कुछ और रखना चाहते थे. लेकिन उनके मित्र कवि सुमित्रानंदन पंत ने यह नाम सुझाया.
Hindi Poet Sumitranandan Pant: अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य जगत के बड़े कवि थे. इसलिए उनकी जान-पहचान भी उस दौर के बड़े-बड़े कवियों से थी. अमिताभ बच्चन भले ही अभिनेता हैं, लेकिन वह बरसों से अंग्रेजी में नियमित और गंभीर ब्लॉग लिखते रहे हैं. इस लिहाज से वह लेखक भी हैं. कुछ साल पहले उनकी इक्का-दुक्का कविताएं भी अंग्रेजी में प्रकाशित हुई थीं. उन्होंने अपने पिता की भी कुछ कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया. लेकिन अमिताभ बच्चन के जीवन से उनके कवि पिता के साथ हिंदी साहित्य के एक और बड़े कवि का गहरा संबंध है. यह कवि हैं, सुमित्रानंदन पंत. पंत को हिंदी का सुकुमार कवि कहा जाता है और उन्होंने प्रकृति से जुड़ी बेहद सुंदर कविताएं लिखी हैं.
होना था इंकलाब
सुमित्रानंदन पंत के बारे में हरिवंश राय बच्चन ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि उन्होंने ही अमिताभ का नामकरण किया था. हरिवंश राय बच्चन के अनुसार जब उनके घर में पुत्र का जन्म हुआ तो वह उसका नाम इंकलाब रखना चाहते थे. उस दौर के हिसाब से यह क्रांतिकारी नाम था. मगर जब एक दिन पंत उनके घर आए और हरिवंश राय बच्चन ने उन्हें बताया कि पुत्र का नाम इंकलाब रखना चाहते हैं, तो इस कवि ने उस बच्चे के चेहरे की चमक देख कर कहा कि इसका नाम अमिताभ होना चाहिए. हरिवंश राय बच्चन उन्हें इंकार नहीं कर सके. उन्हें भी अपने बेटे के लिए यह नाम पसंद आ गया. तब उस बच्चे का नाम अमिताभ रखा गया. इसके आगे इस नाम से जुड़ा अब सब कुछ इतिहास बन चुका है.
आप देख रहे हैं दूरदर्शन
सुमित्रानंदन पंत ने न केवल अमिताभ का नाम रखा, बल्कि इससे पहले वह अपने घर में दिया हुआ खुद अपना नाम भी बदल चुके थे. घर में माता-पिता ने उनका नाम रखा था, गोसाईं पंत. लेकिन जब वह स्कूल में पढ़ने गए तो उन्हें रामायण ने बहुत प्रभावित किया. तब उन्होंने राम के छोटे भाई लक्ष्मण और उनकी मां सुमित्र के चरित्र की खूबियों को देखते हुए अपना नाम सुमित्रानंदन रख लिया. सुमित्रानंदन पंत और नामकरण के मुद्दे से ही जुड़ा एक और तथ्य यह है कि देश में जब टीवी प्रसारण की शुरुआत हुई, तो सवाल उठा कि नेशनल ब्रॉडकास्ट का नाम क्या रखा जाए. तब सुमित्रानंदन पंत ने ही इसे नाम दिया, दूरदर्शन.
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