Sunil Dutt Brother Bollywood Debut: 1969 में फिल्म आई थी मन का मीत. इस फिल्म को सुनील दत्त ने प्रोड्यूस किया था. उन्होंने यह फिल्म सुनील दत्त ने खासतौर पर अपने बड़े भाई सोम दत्त के करियर को नई शुरुआत देने के लिए बनाई थी. सिर्फ सोम दत्त की ही नहीं बल्कि लीना चंदावरकर, विनोद खन्ना और रणजीत की भी यह पहली फिल्म थी. लेकिन सुनील दत्त ने जिस उद्देश्य ये यह फिल्म बनाई थी, वह पूरा नहीं हुआ. यानी उनके अपने भाई सोम दत्त को फिल्म का कोई फायदा नहीं मिला, बल्कि इस फिल्म में लॉन्च हुए दूसरे एक्टर इंडस्ट्री में जम गए. इस फिल्म से इंडस्ट्री को लीना चंदावरकर, विनोद खन्ना और विलेन के रूप में रणजीत जैसे सितारे मिले.


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मां का कहा न टाल सके सुनील दत्त
सुनील दत्त जब यह फिल्म बनाई तो वह इंडस्ट्री में जम चुके थे. उनका करियर बन चुका था. लेकिन उनकी माताजी अपने एक और बेटे सोम दत्त के लिए काफी परेशान रहती थीं. यूं तो सोम दत्त अपने भाई के प्रोडक्शन हाऊस में असिस्टेंट के रूप में काम करते थे. लेकिन उनकी इच्छा थी कि वह भी फिल्मों में अपने भाई की तरह एक्टिंग करें. सुनील दत्त उनसे कहते थे कि आप जो काम कर रहे हो वही करो. एक्टिंग को भूल जाओ. यह आपके बस की बात नहीं क्योंकि उन्हें अपने भाई में एक्टर के रूप में कोई पोटेंशियल नजर नहीं आता था. लेकिन सोम दत्त की जिद थी कि वह किसी भी तरह से फिल्म करेंगे. इसलिए उन्होंने अपनी मां का सहारा लिया. उन्हें पता था कि उनका भाई मां का कहा नहीं टालेगा. और हुआ भी वैसा. सुनील दत्त मां को मना नहीं कर सके. उन्होंने सोम दत्त को हीरो के रूप में लेकर फिल्म मन का मीत बनाई.


ऐसे मिला विनोद खन्ना को रोल
सुनील दत्त की इस फिल्म का फायदा विनोद खन्ना को इस फिल्म ने बॉलीवुड में जमा दिया. विनोद खन्ना को भी यह फिल्म संयोग से मिली थी. विनोद खन्ना का इस फिल्म में नेगेटिव रोल था जो पहले मनमोहन को ऑफर हुआ था. मनमोहन के दूसरी फिल्म में बिजी होने के कारण उन्होंने विनोद खन्ना का नाम सजेस्ट कर दिया. जब विनोद खन्ना को यह फिल्म मिली तो वह काफी खुश हुए और उन्होंने मनमोहन को बहुत बहुत धन्यवाद दिया. एक तो उनकी बदौलत विनोद को पहली फिल्म मिली थी, दूसरी ओर इस फिल्म में उनके किरदार का नाम प्राण था जो विनोद के आइडल हीरो थे. और इस तरह सोम दत्त के लिए बनी फिल्म ने विनोद खन्ना जैसा स्टार बॉलीवुड को दिया. लीना चंदावरकर और रणजीत को भी कौन भूल सकता है.



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