Bollywood Legends: यह बॉलीवुड एक्टर-डायरेक्टर बना था ओशो का भक्त, ‘स्वामी’ बनकर अपनी भांजी से की शादी
Bollywood Actors Followed Osho: विजय आनंद हिंदी फिल्मों के उन एक्टरों-डायरेक्टरों में हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. लेकिन एक फिल्म की नाकामी ने विजय आनंद को इतना झकझोर दिया कि वह अध्यात्मिक गुरु ओशो के अनुयायी बन गए थे.
Vijay Anand Life: फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर विजय आंनद, देव आनंद तथा चेतन आनंद के छोटे भाई थे. देव आनंद उन्हें गोल्डी कहकर पुकारते थे. अपने भाई देव आंनद की प्रसिद्धि से अलग उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मशहूर निर्देशक के रूप में जगह बनाई. देव आनंद तथा चेतन आनंद के साथ मिलकर उन्होंने नौ दो ग्यारह, काला बाजार, तेरे घर के सामने, गाईड और ज्वेल थीफ जैसी हिट फिल्में दी. लेकिन एक टाईम ऐसा आया कि उनका सारी दुनिया पर से विश्वास उठ गया और वह उस समय आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश की शरण में चले गए. उस दौर में एक्टर विनोद खन्ना, लेखक कमलेश पांडे और सूरज सनीम तथा अशोक कुमार की बेटियां प्रीति और भारती भी ओशो के प्रभाव में थे. हालांकि सभी बाद में ओशो को छोड़ कर अपनी जिंदगी में लौट आए.
रंगीनियों से हुआ मोह भंग
विजय आंनद ने सिर्फ 23 साल की उम्र में नौ दो ग्यारह बनाकर डायरेक्टर के रूप में अपनी पहचान बना ली थी. विजय आंनद जीनियस डायरेक्टर थे और विदेश तक उन्होंने अपनी पहचान बनाई. लीक से हटकर फिल्में बनाना उन्हें पसंद था. गाइड उनकी बनाई इसी तरह की फिल्म थी, जिसे शुरू में लोगों ने पसंद नहीं किया था, लेकिन बाद में फिल्म खूब चली. ऐसी ही फिल्म थी तेरे मेरे सपने (1971), जो नहीं चली. जिसका असर यह हुआ कि विजय आंनद डिप्रेशन में आ गए और ओशो की शरण में चले गए. रजनीश का शिष्य बन कर उनका नाम हो गया, स्वामी विजय आंनद भारती. विजय भगवा कपड़े और गले में बड़ी माला पहनने लगे, जिस पर ओशो की तस्वीर वाला लॉकेट होता था. अपने स्टुडियो केतनव में वह प्रवचन भी देने लगे और उनके प्रवचन सुनने के लिए लोगों की लाइन लगती थी, जिसमें वह जीवन से जुड़े रहस्यों के बारे में बाते करते थे. लेकिन जल्दी ही उनका ओशो से मोह भंग हो गया और वह भगवा वस्त्र और मालाएं छोड़ कर फिल्मों में लौट आए.
मचा दिया हंगामा
विजय के तेवर शुरू से बागी थे और उन्होंने अपनी सगी भांजी, बड़ी बहन की बेटी से शादी करके तमाम रिवाजों, मूल्यों को ताक पर रख दिया. बड़ी बहन की बेटी सुषमा से इस शादी पर पूरा आंनद परिवार उनसे नाराज हो गया. अपनी ही भांजी से शादी पर उनके परिवार में हीं नहीं, समाज में भी हंगामा मच गया. 1978 में उनकी यह दूसरी शादी थी और यह शादी उस समय काफी विवादों में रही थी. हालांकि बाद में परिवार ने इस विवाह को स्वीकार कर लिया.
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