Mughal-e-Azam Made In Three Languages: बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में बनी हैं, जिनके किस्से लोगों को आज भी हैरत में डाल देते हैं. ऐसा ही एक किस्सा साल 1960 में आई उस दौर की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'मुगल-ए-आजम' (Mughal-e-Azam) से भी जुड़ा है, जो आज भी ज्यादातर लोगों को पता नहीं है.  करीमुद्दीन आसिफ (Karimuddin Asif) उर्फ के. आसिफ (K. Asif) के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उस दौर के कई बड़े सितारों ने साथ काम किया था. 


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इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor), दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और मधुबाला (Madhubala) जैसे उस दौर के बेहतरीन कलाकार नजर आए थे. फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला था. फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने बादशाह अकबर का किरदार निभाया था. वहीं, दिलीप ने उनके बेटे सलीम का और मधुबाला ने अनारकली का किरदार निभाया था. फिल्म में लव ट्राएंगल दिखाया गया था. फिल्म की कहानी के साथ-साथ फिल्म के किरदारों और उनके अभिनय का किरदारों को खूब पसंद किया गया था. 



तीन भाषाओं में बनी थी फिल्म 


इस फिल्म को आज भी याद किया जाता है, लेकिन इस फिल्म से जुड़े किस्से आज भी लोगों को हैरान कर देते हैं. ज्यादातर लोग ये नहीं जानते कि इस फिल्म को तीन भाषाओं में बनाया गया था, लेकिन ये केवल हिंदी वर्जन में ही सफल हो पाई. ये उस दौर की पहली ऐसी फिल्म थी, जिसको कई भाषाओं में बनाया गया था. जी हां, इस फिल्म को हिंदी, इंग्लिश और तमिल वर्जन में बनाया गया था, लेकिन फिल्म का तमिल और इंग्लिश वर्जन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया, लेकिन फिल्म के हिंदी वर्जन ने जबरदस्त सफलता हासिल की थी. 



फिल्म के सेटअप में खर्च हुए थे करोड़ों 


63 साल पहले इस फिल्म को 1.50 करोड़ में बनाई गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस करीब 11 करोड़ की कमाई की थी, जो उस दौर में बहुत बड़ी कमाई मानी जाती थी. हालांकि, ये फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट थी, जिसको कई सालों बात कलर पर्दे पर बनाया गया था. कमाल की बात यह थी कि इस फिल्म को पूरा होने में 16 साल लग गए थे. बताया जाता है कि मुगल-ए-आजम को बनाने में डायरेक्टर ने पानी की तरह पैसा बहाया था. उस जमाने में फिल्म के सेटअप पर करोड़ो खर्च किए गए थे.