Shahid Kapoor And Rajkummar Rao: यूं तो शाहिद कपूर और राजकुमार राव दोनों बढ़िया ऐक्टर हैं, लेकिन दोनों का सीधा-सीधा कोई कनेक्शन नहीं है. शाहिद जहां फिल्मी परिवार से आए हैं, वहीं राजकुमार राव ने गुड़गांव के नॉन फिल्मी परिवार से आकर बॉलीवुड में अपने लिए जगह बनाई है. लेकिन एक रोचक बात जरूर दोनों को कनेक्ट करती है, वह है उनकी दो फिल्मों के टाइटल. शाहिद कपूर ने राजकुमार टाइटल वाली फिल्म ‘आर... राजकुमार’ (R… Rajkumar) में काम किया, जबकि राजकुमार राव ने निर्देशक हंसल मेहता (Hansal Mehta) की फिल्म ‘शाहिद’ (Shahid) में सबसे पहले लोगों का ध्यान खींचा. दोनों फिल्में एक ही साल रिलीज हुई थी. अक्तूबर 2013 में पहले शाहिद आई और फिर दिसंबर 2013 में आर... राजकुमार सिनेमाघरों में रिलीज हुई. इतना जरूर है कि शाहिद के लिए राजकुमार राव नेशनल अवार्ड (National Award) तक मिला था.


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रोज नहाना दो घंटे तक
शाहिद और राजकुमार अपने किरदारों के लिए अक्सर काफी तैयारियां करते हैं, लेकिन कुछ फिल्मों में एक्टरों की तैयारियां बहुत खास दिखती हैं. जैसे 2019 में आई शाहिद कपूर की कबीर सिंह (Kabir Singh) उनके करियर में अलग जगह रखती है, उसी तरह 2016 में रिलीज हुई ट्रेप्ड में राजकुमार राव अलग ही नजर आते हैं. कबीर सिंह में शाहिद कपूर का लुक उनके करियर की तमाम फिल्मों से बिल्कुल अलग है और इसमें वह ऐसे डॉक्टर बने हैं, जो अपने कॉलेज में पढ़ने वाली एक जूनियर लड़की के प्यार में दीवाना हो जाता है. वह शराब, मार-पीट में डूब जाता है. इस रोल की तैयारी के लिए शाहिद कपूर ने अपना 14 किलो वजन घटाया था. फिल्म में शाहिद को चेनस्मोकर दिखाया है और इसकी शूटिंग के वक्त शाहिद हर दिन 200 सिगरेट (Cigarette) फूंक दिया करते थे. जबकि असल जिंदगी में वह सिगरेट नहीं पीते. शाहिद ने बाद में बताया कि वह इस किरदार की नेगेटिविटी और सिगरेट की गंध खत्म करने के लिए शूटिंग पूरी होने के बाद रोज दो घंटे नहाते थे, तब घर लौटते थे.


एक कमरे में बंद हो
ट्रेप्ड (Trapped) राजकुमार राव के करियर की सबके अलग फिल्म है, जिसमें एक युवक मुंबई (Mumbai) की एक बेहद ऊंची बिल्डिंग (High Rise Building) में एक फ्लैट में कैद हो जाता है. इस बिल्डंग में कोई नहीं रहता और कितना ही चिल्लाने पर आवाज नीचे तक नहीं पहुंचती. फ्लैट के अंदर न पानी है, न बिजली और न ही खाने का कोई सामान. यह युवक कई दिनों तक यहां फंसा रहता है और जिंदा रहने की कश्मकश करता है. इस रोल की तैयारी के लिए राजकुमार राव ने तय किया वह महसूस करेंगे की भूख और प्यास क्या होती है. नतीजा यह कि वह शूटिंग के 20 दिन तक रोज दिन में केवल एक गाजर खाते थे और थोड़ी-बहुत कॉफी (Coffee) पीते थे. फिल्म देखते हुए एक भूखे-प्यासे व्यक्ति की हालत आप खुद महसूस कर पाएंगे. फिल्म में एक जगह राजकुमार को चोट लगती है और खून निकलता है. इसमें भी उन्होंने नकली खून का इस्तेमाल करने के बजाय अपने शरीर का खून निकाला और उसे सीन में शामिल किया.


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