एसजीपीसी ने गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की रिलीज पर बैन लगाने की मांग की है. और कहा कि यह सिखों की छवि को खराब करती है और इतिहास को गलत तरीके से पेश करती है. वहीं दूसरी ओर, कंगना रनौत की फिल्म को देखने के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस भी पहुंचे. कंगना ने भी मीडिया से बातचीत की. जहां उन्होंने दर्शकों से फिल्म देखने की अपील की.


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एक्ट्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. मान को लिखे पत्र में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने रनौत की फिल्म पर कड़ी आपत्ति जताई. धामी ने कहा कि यदि फिल्म पंजाब में रिलीज हुई तो इससे सिख समुदाय में "आक्रोश और गुस्सा" फैलेगा और इसलिए राज्य में इसकी रिलीज पर प्रतिबंध लगाना सरकार की जिम्मेदारी है. 


पहले भी कर चुकी विरोध
शीर्ष गुरुद्वारा संस्था एसजीपीसी ने पहले भी फिल्म का विरोध किया था. मान को लिखे पत्र में कहा गया है, "हमारे संज्ञान में आया है कि भाजपा सांसद कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' 17 जनवरी 2025 को पंजाब के विभिन्न शहरों के सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है और टिकटें भी बुक होनी शुरू हो गई हैं." 



फिल्म कल होगी रिलीज
धामी ने कहा कि एसजीपीसी ने पिछले साल 14 नवंबर को पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर भी फिल्म की रिलीज का विरोध किया था. नए पत्र में कहा गया है, "लेकिन यह दुखद है कि पंजाब सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है. अगर यह फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज होती है तो सिख जगत में रोष और गुस्सा पैदा होना स्वाभाविक है." 


लगाया इतिहास के साथ छेड़छाड़ का आरोप
एसजीपीसी ने 1984 में एक सैन्य अभियान में मारे गए खालिस्तानी उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के "चरित्र हनन" की निंदा की. धामी ने कहा, "यदि यह फिल्म पंजाब में रिलीज हुई तो हम राज्य स्तर पर इसका कड़ा विरोध करने को मजबूर होंगे." पिछले वर्ष अगस्त में एसजीपीसी ने 'इमरजेंसी' फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजकर आरोप लगाया था कि इसमें सिखों के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है. 


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लिखित माफी मांगने को कहा गया था
साथ ही उन्होंने फिल्म से 'सिख विरोधी' भावनाओं को दर्शाने वाले आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने को कहा था. नोटिस में कंगना रनौत समेत फिल्म के निर्माताओं से 14 अगस्त को जारी किए गए ट्रेलर को सभी सार्वजनिक और सोशल मीडिया मंचों से हटाने और सिख समुदाय से लिखित माफी मांगने को कहा गया था. एसजीपीसी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को अलग-अलग पत्र लिखकर फिल्म पर आपत्ति जताई.


इनपुट: एजेंसी