Diwali Celebrations: जब से हिंदी सिनेमा है, तब से भारतीय त्योहारों को पर्दे पर खूब जगह मिली है. हालांकि बीते कुछ दशकों में जब सिनेमा ही सेलिब्रेशन बन गया, तो पर्दे पर त्योहार कम दिखते हैं. बावजूद इसके कहानियां में कहीं न कहीं त्योहारों की मौजूदगी दिखाई देती है. दिवाली पर बहुत सारे गाने भी हिंदी फिल्मों में दिखे है, तो कई गानों में दिवाली मनाते हुए हीरो-हीरोइन और उनके परिवार नजर आए हैं. मगर कुछ फिल्में ऐसी भी हैं, जिनमें दिवाली से जुड़े ऐसे डायलॉग हैं, जो सुनने पर आपका मन मोह लेते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लक्ष्मीजी की कृपा
फिल्मों में आए इन दिवाली संवादों में कही आपको जिंदगी के फलसफे मिलते हैं, तो कहीं कड़वी हकीकत. कुछ फिल्मों में समाज की तस्वीर दिखती है, तो कहीं कॉमेडी भी नजर आती है. निर्देशक राम गोपाल वर्मा की आग में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के मुंह से दिवाली पर निकला डायलॉग फिल्म की तरह ही लोगों को शोले की नकल लगा, तो राजकुमार राव (Rajkumar Rao) और आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khan) स्टारर बरेली की बर्फी का डायलॉग सुन कर आपके होठों पर मुस्कान आ जाएगी. यह डायलॉग युवाओं में इतना लोकप्रिय हुआ था कि लोग अपने दोस्तों से कुछ इसी अंदाज में अपनी अमीरी की शेखी बघारते थे. एक नजर फिल्मों के चर्चित दिवाली डायलॉग्स (Diwali Dialouges) पर.



ऐसे-ऐसे डायलॉग
-तुम्हारी उमर मेरे तजुर्बे से बहुत कम है... तुमने उतनी दिवालियां नहीं देखी हैं, जितनी मैंने तुम जैसे बिकने वालों की बर्बादियां देखी हैं. (-कादर खान, जैसी करनी वैसी भरनी, 1989)
-दिल्ली की लड़कियां ऐसी ड्रेस करती हैं... जैसे हर रोज दिवाली हो. (-राहुल बोस, प्यार के साइड इफेक्ट्स, 2006)
-दिवाली कब है... कब है दिवालीॽ (-अमिताभ बच्चन, राम गोपाल वर्मा की आग, 2007)
-बारूद के कनस्तर पर बैठकर दिवाली नहीं मनाई जाती है... बारूद के कनस्तर से मनाई जाती है. (-अजय देवगन, आक्रोश, 2010)
-वाइफ दिल है तो हस्बैंड धड़कन... वाइफ दीया है तो हस्बैंड दिवाली... वाइफ जुबान है तो हस्बैंड गाली. (-करीना कपूर, गोलमाल 3, 2010)
-रमजान में भी राम होता है... और दिवाली में अली. (कृष्णा अभिषेक, बोल बच्चन, 2012)
-लक्ष्मीजी की कृपा से पैसा तो इतना है कि धनतेरस पर आप ही की दुकान खरीद के आप ही को गिफ्ट कर दें. (-राजकुमार राव, बरेली की बर्फी, 2017)