Multiplex In India: जीएसटी परिषद ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी 50वीं बैठक में देश भर के सिनेमाघरों में बिकने वाली खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी दर (GST Rate) 18% से घटाकर 5% कर दी है. लेकिन अगर आप टिकट खरीदने में एक गलती करेंगे तो आपको इन चीजों पर 5% की नई दर से नहीं बल्कि पुरानी दर यानी 18% के रेट से ही जीएसटी (GST) देना पड़ेगा. जी हां, खाने-पीने की चीजों पर 5% की नई दर तभी लागू होगी, जब यह सामान आप सिनेमा टिकट के साथ लेने के बजाय अगल से ऑर्डर करेंगे. असल में यह पूरा मामला ऑन लाइन टिकट बुक (Multiplex Online Tickets) करने वालों के लिए है.


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एक बिल एक जीएसटी
बहुत से लोग जब सिनेमा हॉल के लिए ऑन लाइन टिकट बुक कराते हैं, तो साथ में खाने-पीने की चीजें भी उसी के साथ जोड़कर बुकिंग के संग पैसों का भुगतान कर देते हैं. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर टिकट और खाद्य सामग्री एक साथ खरीदी जाती है, तो इसे एक इकाई के रूप में देखा जाएगा. जिस पर फिल्म के टिकट वाली जीएसटी दर यानी 18% से टैक्स लगाया जाएगा. ऐसा इसलिए कि सिनेमा टिकट पर जीएसटी 18% है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी स्पष्ट किया है कि जब तक टिकट और खाने-पीने की चीजों के का बिल अलग-अलग होंगे, तभी उन पर अलग-अलग जीएसटी लगाया जाएगा. हालांकि अभी इस बात भी सबकी नजर है कि सिनेमा और मल्टीप्लेक्स खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी की घटी दर का लाभ ग्राहकों को देते हैं या नहीं.


असर कोरोना का
उल्लेखनीय है कि कोरोना (Corona) काल के बाद मल्टीप्लेक्सों की स्थित बहुत खराब है. एक तो लोगों के पास अब ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT In India) पर कंटेंट देखने की सुविधा हो गई है और इसमें कोरोना काल के दौरान जबर्दस्त इजाफा हुआ है. दूसरी वजह सिनेमाघरों के महंगे टिकट और खाने-पीने की चीजों की बेसिर-पैर की कीमतें हैं. महामारी से पहले भारत में 9,000 से अधिक सिनेमा स्क्रीन थे. जिनमें से कुछ कोरोने से पैदा हुए वित्तीय संकट के कारण बंद हो गए क्योंकि उस दौर में सिनेमाघरों को लंबे समय तक बंद रखा गया था. बाद में उन्हें कई प्रतिबंधों के साथ खोला गया, जो लंबे समय तक जारी भी रहा. सिनेमाघरों में दर्शकों के न आने का फिल्म इंडस्ट्री पर भी गहरा असर हुआ है.